फरीदपुर, बरेली। लखनऊ हाईवे पर फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र मे कई साल पहले निजी भूमि पर स्थापित किया गया था। अब यहां दो सौ से ज्यादा उद्योग चल रहे हैं। उद्योगों के अलावा कई स्कूल और दूसरे व्यावसायिक संस्थान भी इस इलाके में स्थापित हैं। कई जगह हाईवे तक भारी अतिक्रमण भी है। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों में आवाजाही के लिए हाईवे पर तमाम मीडियन कट खुले हुए है। जिनकी वजह से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हादसे होते हैं। एनएचएआई मुख्यालय के निर्देशों के मुताबिक अब हाईवे पर अवैध कब्जों को हटाकर सर्विस रोड बनाने की तैयारी शुरू की गई है। फिलहाल उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब तक कई फैक्ट्रियों समेत करीब डेढ़ सौ नोटिस जारी किए जा रहे है। 40 को नोटिस दिए जा चुके है। उद्यमियों के भारी विरोध के बावजूद एनएचएआई ने फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र में सर्विस लेन बनाने का अपना फैसला बदलने से इन्कार कर दिया है। एनएचएआई अफसरों ने साफ किया है कि वे हाईवे की जद में आ रहे उद्योगों और दूसरे व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस देना जारी रखेगा। फिलहाल अवैध कब्जे हटाने की मोहलत दी जा रही है। इसके बाद उन्हें हटाकर सर्विस लेन का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। एनएचएआई के इस कदम से औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित करीब दो सौ उद्योग संकट में घिर गए है। सर्विस रोड के निर्माण से तमाम उद्योगों का रास्ता बंद हो जाने की आशंका है। इससे उद्यमियों में घबराहट का माहौल है। उद्यमियों की ओर से यह भी तर्क दिया जा रहा है कि सर्विस रोड के निर्माण के लिए बिजली की लाइनें शिफ्ट की जाएंगी। इससे हर साल सरकार को करीब दो सौ करोड़ का राजस्व देने वाले उद्योगों की बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी। स्थानीय लोगों को भी बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ हजारों पेड़ भी काटे जाएंगे जो पर्यावरण के लिए भारी क्षति होगी। मंगलवार को ही उद्यमियों की ओर से इस बारे में उपायुक्त उद्योग को पत्र लिखा गया था लेकिन एनएचएआई के आधिकारियों ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया है। फरीदपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने बताया कि फरीदपुर औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर फोरलेन हाईवे के निर्माण से पहले स्थापित हुआ था। उस दौरान यह स्टेट हाईवे था। आठ साल पहले जब इसे नेशनल हाईवे के रूप में एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया, तब से अब तक कोई वार्ता नहीं की गई। अब सर्विस लेन बनाने की तैयारी की जा रही है जिससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा। सबसे ज्यादा उद्यमी प्रभावित होंगे।।
बरेली से कपिल यादव