•लोगों को बच्चों ने पढ़ाई मानवता का पाठ
पिंडरा/वाराणसी- मानवता जिन्दा रहे, हम भी केरल के साथ हैं ,
”हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं। रंग रुप भेष भाषा चाहे अनेक हैं।। ” के नारों से गुंजायमान करते हुये अपने प्रबल इरादों के साथ भारत के भविष्य प्राथमिक विद्यालय सैरागोपालपुर पिण्डरा के बच्चे केरल के दर्द को अपना दर्द मानते हुए पहले स्वयं यथाशक्ति योगदान करने के साथ मंगलवार को भिक्षाटन किया। प्राथमिक विद्यालय के बाल संसद की अध्यक्ष रुपरेखा पटेल की अगुवाई में बच्चे सबसे पहले प्रधानाध्यापक मनोज सिंह के सामने राहत सहायता का प्रस्ताव रखा और योगदान का आग्रह किया। प्रधानाध्यापक द्वारा 2100रुपए का तुरन्त सहायता राशि दी तत्पश्चात सभी अध्यापकों द्वारा यथाशक्ति सहायता राशि प्रदान की। इसके बाद गांव में भ्रमण कर ग्रामीणों से चंदा एकत्र किया। इस दौरान ग्रामीणों संग मुसहर जाति के बच्चों ने भी सहायता राशि में सहयोग दिया। बच्चों द्वारा कुल दो बोरी चावल, दो बोरी गेहूँ व आटा के अलावा कुछ कपड़े के साथ 6 हजार रुपए की धनराशि इकट्ठा किया।। बच्चों के इस नेक नीयति का पूरे क्षेत्र में चर्चा रहा। भिक्षाटन करने के दौरान रूपरेखा, अपेक्षा, साक्षी, अर्चना अंकित, किशन तथा अध्यापकों में सुनील कुमार, वेदप्रकाश, प्रीति, रामाश्रय, सिद्धनाथ, संगीता, नगीना संजय आदि रहे।
इसके विपरीत विडम्बना यह रही कि उक्त एकत्र सहायता राशि को लेकर बच्चे जब कचेहरी स्थित राहत सामग्री संग्रह केंद्र पहुचे तो बन्द मिला। काफी प्रयास के बावजूद राहत सामग्री जमा न होने पर उसे लेकर बैरंग लौट आए।जिससे बच्चों के चेहरे पर उदासी दिखी।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी