प्रयागराज। प्रयागराज में कोरोना वायरस का संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मरीजों की संख्या रोज ही बढ़ रही है। वहीं स्वरूपरानी नेहरू कोविड हॉस्पिटल में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गई। इस प्रकार जिले में अब तक इस महामारी से मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है।
मरीज प्रतापपुर के सिवान गांव का रहने वाला था
जिस कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज की आज मौत हुई वह प्रतापपुर के सिवान गांव का रहने वाला था। तीन जून को उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं उसके परिवार के सभी सदस्य क्वारंटीन में हैं। इसलिए कोरोना से मौत मरीज के शव को कोविड-19 पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया गया है। अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।
72 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं
जिले में शनिवार को पहली पाली में 110 संदिग्धों के सैंपल की जांच की गई, जिसमें 105 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं पांच मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। संक्रमित पाए गए मरीजों को इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। साथ ही इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है। अब तक जनपद में 123 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें से 72 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। अभी 48 एक्टिव केस हैं।
नाजरेथ अस्पताल का वार्ड सील, 16 लोग क्वारंटाइन
खुल्दाबाद की रहने वाली जिस महिला में शनिवार को कोरोना की पुष्टि हुई है वह दो दिन तक नाजरेथ हॉस्पिटल में भर्ती थी। उसके पित्त की थैली का ऑपरेशन होना था। चेस्ट में इंफेक्शन होने की वजह से उसकी हालत गंभीर हो गई थी और उसे एसआरएन के लिए रेफर कर दिया गया, वहां जांच में वह कोरोना पाजिटिव मिली। यह रिपोर्ट मिलने के बाद नाजरेथ अस्पताल का वार्ड सील कर दिया गया है। साथ ही उसके संपर्क में आए 16 लोगों को क्वारंटाइन करा दिया गया है।
नोडल अधिकारी बोले
नोडल अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि दो मरीज के अलावा डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय व स्वीपर महिला के संपर्क में आए थे। इनकी सैंपलिंग भी होगी। वार्ड को सैनिटाइज कराने के लिए कहा गया है।
आयुष्मान भारत योजना में कोरोना मरीजों के इलाज का पैकेज निर्धारित
यदि आयुष्मान भारत योजना का लाभार्थी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया तो उसके इलाज का खर्च योजना के पैकेज से किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि यदि योजना के तहत चयनित लाभार्थी का गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो आरोग्य मित्र के माध्यम से संबंधित का गोल्डेन कार्ड बनवा लें।