वाराणसी। प्रबंधन के तानाशाही रवैये के खिलाफ और ऊर्जा क्षेत्र को निजी हाथों में बिकने से बचाने के लिए आंदोलित विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अब आरपार की लड़ाई के मूड में आ गई है। मंगलवार को सुबह से ही भिखारीपुर स्थित महाप्रबंधक कार्यालय पर बड़ी संख्या में कर्मचारी नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही आज शाम पांच बजे मशाल जुलूस निकालेंगे।
यह जुलूस बीएचयू सिंहद्वार स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के पास आकर समाप्त होगा। हालांकि इससे पहले सोमवार को भिखारीपुर स्थित संगठन भवन में संघर्ष समिति की बैठक में अपनी मांगों पर विचार करने की अपील के साथ यह भी कहा जा चुका है कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर बिजलकर्मी कभी भी हड़ताल की घोषणा कर सकते हैं। यदि यूपी में कर्मचारी एकसाथ हड़ताल पर गए तो विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मंगलवार को कर्मचारियों ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर पूर्ण कार्य बहिष्कार कर दिया है। महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी हो रही है।
गौरतलब है कि सोमवार को संघर्ष समिति की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की अलोकतांत्रिक, स्वेच्छाचारी, दमनकारी, नकारात्मक और उत्पीड़नात्मक रवैये के विरोध में और ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण हेतु हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से हड़ताल का आह्वान होते ही प्रदेश के समस्त विद्युतकर्मी तत्क्षण हड़ताल पर चले जायेंगे। यह भी कहा गया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के दमनकारी नीति के कारण कर्मचारियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। बिजलीकर्मी हड़ताल पर नही जाना चाहते थे लेकिन उन्हें विवश किया गया है।
आज शाम 5 बजे मशाल जुलूस भिखारीपुर हाइडिल कॉलोनी से होते हुए सुंदरपुर, नरिया के बाद बीएचयू सिंहद्वार स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीयजी की प्रतिमा के पास समाप्त होगा। विरोध प्रदर्शन में इंजीनियर चंद्रशेखर चौरसिया, इंजीनियर संजय भारती, मायाशंकर तिवारी, जिउतलाल, राजेन्द्र सिंह, एके सिंह, वीरेंद्र सिंह, रामकुमार झा,इंजीनियर मनोज कुमार, इंजीनियर अमित त्रिपाठी,अनिल कुमार, हेमंत श्रीवास्तव, अंकुर पाण्डेय, तपन चटर्जी, प्रमोद कुमार, लालब्रत, राजेश कुमार आदि शामिल हैं।