प्रधानमंत्री ने पूजा अर्चना कर माऺगा जगत पिता बह्माजी से आशीर्वाद

*बह्माजी के भक्तों ने माऺगी सरहदी इलाकों के लिए रेलगाड़ियां

बाड़मेर/राजस्थान- राजस्थान में आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में रणनीतिक और बिखरे हुए भावी मुख्यमंत्रियों को एकसूत्र में बाधने वाले भाजपा के तारणहार ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जगत पिता बह्मा पुष्कराय की शरण में आकर पूजा अर्चना करने के साथ ही राजस्थान के रणक्षेत्र को फतेह करने के लिए चुनावी यात्रा पर आए हैं।

जगत पिता बह्मा पुष्कराय के दरबार में पूजा करने से पूर्व मन्दिर पूजारी कृष्ण गोपाल शर्मा द्वारा माल्यार्पण करने के साथ ही साफा पहनाकर पूजा अर्चना करवाई गई इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में अगले विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा सरकार बनाने की बह्मा पुष्कराय से मन्नत मांगी।

मन्दिर पूजारी कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि जगत पिता बह्मा पुष्कराय मन्दिर से आज तक कोई भक्त खाली हाथ नहीं गया है और आज देश के प्रधानमंत्री मोदी बह्मा पुष्कराय के शरणागत आए हैं ओर हमारे देश के फौजी वीर जवानों को आवागमन करने के लिए रेलगाड़ियों की मांग की है आगे जगत पिता बह्मा पुष्कराय की कृपा से ही सम्भव होगा।

कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया कि हिंदू सनातन धर्म में पुष्कर तीर्थ में पूर्वजों का श्राद्ध करने का है विशेष महत्व है और भगवान श्रीराम ने भी पुष्कर में अपने सातों कुल और पाच पीढ़ियों के पूर्वजों का उद्धार यहां श्राद्ध करके किया था। पुष्कर एकमात्र ऐसा तीर्थ है जहां पर सातों कुल और पाच पीढ़ियों तक के पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म किया जाता है। जबकि देश में अन्य किसी भी तीर्थ स्थलों पर एक या दो पीढ़ी तक के पूर्वजों की शान्ति के लिए श्राद्ध किए जाते हैं। पुष्कर जगत पिता ब्रम्हा की नगरी है, वहीं पवित्र पुष्कर सरोवर के जल को नारायण के रूप में पूजा जाता है। यहां श्रद्धा के साथ पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध करने से पितरों को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पुष्कर के पवित्र सरोवर के बावन घाटों पर श्राद्ध कर्म होते हैं, लोग अपने बुजुर्गों को याद करते हैं। मान्यता है कि पुष्कर के पवित्र सरोवर के घाट पर अपने पूर्वजों के निमित्त किए जाने वाले श्राद्धकर्म से पूर्वजों को शांति मिलती है। वहीं पितृ दोष एवं अन्य व्याधियों से भी मुक्ति मिलती है।

बह्मा पुष्कराय के भक्तों ओर सरहदों पर तैनात देश के अन्य राज्यों के जवानों को आवागमन करने के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए सरहदी इलाकों बाड़मेर, जैसलमेर से लम्बी दूरी की रेलगाड़ियों को शुरू करने की मागे रखीं।

पिछले दो तीन सालों से जोधपुर रेल्वे अधिकारियों द्वारा बाड़मेर जिले से एक दर्जन रेलगाड़ियों को शुरू ओर विस्तार करने से सम्बंधित प्रस्ताव तैयार करके जयपुर ओर रेलमंत्रालय दिल्ली भेजा गया था और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूदा बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सासंद चौधरी के द्वारा हरी झंडी दिखाने का पटरियां भी सिर्फ इंतजार कर रहीं हैं।

रेल सेवा संघर्ष समिति बाड़मेर के गणपत मालू ने बताया कि वर्तमान में बाड़मेर हावड़ा और बाड़मेर गुवाहाटी दोनों गाड़ियों को बाड़मेर से आठ दस किलोमीटर दूर उत्तरलाई और कवास स्टेशन पर खडी करनी पड़ रहा है इससे रेल्वे का खर्च भी बढ़ता है इसलिए बाड़मेर से तीन किलोमीटर दूर स्थित पूर्व रेल्वे स्टेशन आटी में रेल्वे की जमीन पर आठ दस लाइन अलग- अलग बिछाकर व तथा वॉशिंग लाइन बनाई जाए जिससे बाड़मेर में नई रेलगाड़ियों के आने की संभावनाएं बढ़ेगी और वर्तमान रेलगाड़ियों को रखने की भी सुविधा बढ़ेगी। बाड़मेर से जयपुर व दिल्ली के लिए प्रतिदिन रेल मंडोर सुपरफास्ट को बाड़मेर विस्तार कर अथवा बाड़मेर जम्मूतवी को बाड़मेर से ही प्रतिदिन चलाकर इस समस्या का हल किया जा सकता है।

रेलगाड़ियों को लाओ बाड़मेर के सदस्य गौतम चंद जैन ने बताया कि बाड़मेर से मुंबई नई रेल इसका प्रस्ताव उत्तर पश्चिम द्वारा बार-बार भेजा जा रहा है लेकिन राजनीतिक पैरवी नहीं होने की वजह से इस रेल को चलाया नहीं जा रहा है जबकि जनता की अत्यंत महत्वपूर्ण मांग है। जोधपुर दिल्ली सालासर सुपरफास्ट एक्सप्रेस का बाड़मेर विस्तार यह रेल जोधपुर में खड़ी रहती है तथा इसका विस्तार बाड़मेर होता है तो शेखावटी और बाड़मेर का जुड़ाव होगा इसके साथ साथ यह बाड़मेर के लिए इंटरसिटी का काम करेगी।

वकील कुमार कौशल अम्बा लाल जोशी ने बताया कि जोधपुर पुरी गंगासागर, मन्नारगुड्डी एक्सप्रेस का बाड़मेर तक विस्तार करने से यह रेलगाड़ी जोधपुर में खड़ी रहती है इसका विस्तार बाड़मेर तक किया जाता है तो बाडमेंर वासियों को कोटा सवाई माधोपुर और पूरी के लिए सुविधा मिलेगी तथा इसका 2019 में बाडमेंर विस्तार के लिए रेलवे स्वीकृति हो चुकी थी लेकिन किसी कारणवश हो नहीं पाई। बाड़मेर से कन्याकुमारी, चेन्नई , रामेश्वरम सप्ताहिक बाड़मेर से चेन्नई ,रामेश्वरम के लिए साप्ताहिक प्रतिदिन ट्रेन जालोर और बाड़मेर वासियों को वाया अहमदाबाद विजयवाड़ा तिरचि मदुरई चलाईं जाए।

रेल सेवाओं के जानकार बाबू लाल शर्मा ने बताया कि बाड़मेर आगरा फोर्ट 12195/96 अथवा 22987/88 अजमेर आगरा फोर्ट दोनों में से किसी एक का विस्तार बाड़मेर तक किया जाना चाहिए जिससे बाड़मेर की पाली मारवाड़,अजमेर, भरतपुर तक सीधे जुड़ाव हो सके। बाड़मेर कोटा नई रेल वाया अजमेर भीलवाड़ा गत वर्ष अजमेर कोटा नई रेल चलाने का प्रस्ताव पास हुआ था अगर यह रेल बाड़मेर तक वाया अजमेर कोटा चलाई जाए तो छ या सात जिले राजस्थान के आपस में कनेक्ट हो सकेंगे।

जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इडिया की सलाहकार समिति के सदस्य ओर वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण ने बताया कि बाड़मेर -कन्या कुमारी नागरकोइल सप्ताहिक रेलगाड़ी इस रेल की मांग एक दशक से तिरुवंतपुरम सांसद शशी थरूर के द्वारा की गई थी और पूर्व रेलमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था लेकिन राजनीतिक कारण से यह रेलगाड़ी भी ठडे बस्ते में चलीं गईं हैl

सरहदी इलाकों से रेलगाड़ियों के विस्तार करने ओर नई रेलगाड़ियों को शुरू करने से पहले रेल्वे सुविधाओं के लिए शायद ही कोई ऐसा पल नहीं होता होगा, जिसमे किसी यात्री या संगठनों द्वारा कोई माँग रेलगाड़ियों के लिए न होती हो। स्टापेजेस से लेकर नई लम्बी दूरी की रेल गाड़ियों के लिए एक से बढ़कर एक माँग तैयार ही रहती है। कई यात्री संगठन तो रेल गाड़ी के मार्ग परिवर्तन, एक्सटेंशन के लिए आन्दोलनों की हद तक उत्साहित रहते है। क्या अपनी मांगों, जरूरतों से इतर जाकर रेलवे की रेवेन्यू के साथ साथ उत्पादकता बढ़े ऐसा सुझाव कहीं आजकल नेताओं को नजर क्यों नही आता ?

– राजस्थान से राजूचारण

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