लखनऊ। मंगलवार को पुरानी पेशन को लेकर लाखो शिक्षक, शिक्षामित्र व कर्मचारी लखनऊ के ईको गार्डन मे धरना देने पहुंचे। शिक्षामित्र, कर्मचारी-शिक्षक समेत अधिकारी भी इसमे शामिल हैं। पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे है। शिक्षकों, शिक्षामित्रों मे सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश को देखने को मिला। इस दौरान कर्मचारियों व शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली सहित 21 सूत्रीय मांगो को लेकर धरना दिया। साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मांगें नहीं मानी गई तो चुनाव मे कर्मचारी, शिक्षामित्र और शिक्षक सरकार का विरोध करेंगे। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि सरकार अगर किसान बिल समाप्त कर सकती है तो एक गलती और सुधार ले। धारा 370 , किसान बिल समेत कई गलतियां केंद्र सरकार सुधार चुकी है। ऐसे में नई पेशन व्यवस्था को भी अब खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम यह देख चुके हैं कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के लिए किसी भी तरह से लाभकारी नहीं है।शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने कर्मचारी, शिक्षक, शिक्षामित्र, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश के बैनर तले लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित महारैली में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। बैनर के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारें समस्याओं का निराकरण करती थी परंतु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि सरकार ने हमसे धोखा किया है। उन्होंने कहा कि अब हम आर-पार की लड़ाई शुरू कर दिए है। यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो चुनाव में इसका असर देखने मिलेगा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षामित्रों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। अगर शिक्षामित्रों को स्थाई नही किया जाता है तो चुनाव मे सरकार के खिलाफ वोट करेंगे। शिक्षक और कर्मचारी नेताओं ने इस सरकार में एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं। पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षकों को प्रमोशन नहीं दिया गया। यही नही शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया। वहीं आंगनबाड़ी और रसोइयां आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से अनदेखी कर रही है। मंच ने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने समय रहते शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और लोकतंत्र का अंतिम अस्त्र भी प्रयोग करेंगे। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर यूपी के 200 से ज्यादा कर्मचारी संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। लखनऊ के इको गार्डन में मौजूदा समय एक लाख से ज्यादा कर्मचारी एकत्र हुए। इस मौके पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह , प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर तिवारी, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के कोषाध्यक्ष रमेश मिश्रा, प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह, प्रदेश महामंत्री सुशील यादव, बरेली से शिक्षामित्र अरविंद कुमार, कपिल यादव, रामनिवास, मनोज शर्मा, शशांक यादव, राजेश यादव, राकेश शर्मा, सूरज मौर्य, सत्यम गंगवार सहित लाखों कर्मचारियों व शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें लखनऊ, बरेली, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, बनारस, चंदोली, मिर्जापुर, सोनभद्र, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, बस्ती, आगरा, मथुरा समेत कई जिलों के शिक्षामित्र, कर्मचारी और अध्यापक मौजूद हैं।।
लखनऊ से कपिल यादव