आजमगढ़- उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रीजनल कनेक्विटी स्कीम ‘उड़ान’ का सपना सच होने जा रहा है। रनवे और टर्मिनल निर्माण के बाद अब सुरक्षित हवाई संचालन के लिए एरियल सर्वे (हवाई सर्वे) का कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है। नागरिक उड्यन लखनऊ एयरपोर्ट के निदेशक सूर्यपाल गंगवार ने इस कार्य के लिए नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्यदायी संस्था जियोकॉन इंडिया लिमिटेड को नामित किया है। इसके पूर्व जिलाधिकारी की तरफ से विकसित एयरपोर्ट की जांच के लिए पत्र लिखा गया है,निदेशक ने खीरी, श्रावस्ती, अध्योध्या, सुल्तानपुर, आंबेडकर नगर और आजमगढ़ के जिलाधिकारी को निर्देशित किया है कि कार्यदायी संस्था को हवाई जहाज और हेलीकाप्टर के माध्यम से किए जाने वाले एरियल सर्वे के लिए एयरपोर्ट और हवाईपट्टी के उपयोग की अनुमति प्रदान करें। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा चयनित संस्था एरियल सर्वे का कार्य 31 अगस्त तक पूरी करेगी। इस दौरान उपयोग किए जाने वाले हेलीकॉप्टर की रिफ्यूलिग, लैंडिग, टेकऑफ और रात्रि विश्राम के लिए एयरपोर्ट और हवाईपट्टी का उपयोग करेंगे। निदेशक ने एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (प्लानिग) को अवगत कराया है कि रीजनल कनेक्विटी स्कीम के अंतर्गत नो-फ्रिल्स एयरपोर्ट के रूप में राज्य सरकार द्वारा विकसित किए जा रहे मंदुरी हवाईपट्टी के रनवे 1505 गुणे 23 मीटर, एप्रान, टैक्सी-वे, फुटपाथ वर्गीकरण और रनवे के दोनों तरफ बेसिक स्ट्रिप का कार्य पूर्ण हो चुका है और टर्मिनल आदि का कार्य प्रगति पर है। इसलिए शीघ्र जांच करा ली जाए जिससे राजकीय व चार्टर विमानों का संचालन आरंभ हो सके। जिलाधिकारी ने बताया की हवाई जहाज और हेलीकाप्टर के माध्यम से नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के अंतर्गत एरियल सर्वे के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा मंदुरी एयरपोर्ट के उपयोग की अनुमति मांगी गई है। इसलिए एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्लानिग भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को अविलंब जांच कराए जाने के लिए पत्र लिखा गया है। जांच के बाद ही संबंधित कार्यदायी संस्था को मंदुरी एयरपोर्ट उपयोग के लिए दिया जाएगा।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़