आंवला, बरेली। जिले की आंवला लोकसभा सीट से सांसद रहे राजवीर सिंह का बुधवार की सुबह दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दो दिन पहले जब उनकी तबियत बिगड़ी तो परिवार वाले दिल्ली लेकर गए। जहां इलाज के दौरान बुधवार की सुबह करीब नौ बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। राजवीर सिंह के निधन की सूचना पर उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। गुरुवार की सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आपको बता दें कि आंवला सांसद रहे राजवीर सिंह की गिनती एक दिग्गज नेता के रूप मे की जाती है। पहला चुनाव उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से 1989 में आंवला लोकसभा सीट से लड़ा था। जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद वह दो बार बीजेपी से आंवला सांसद बने। इस बीच उनके समर्थक और तेजी से बढ़ते गए। हालांकि उन्होंने अंतिम चुनाव सपा से लड़ा था। मगर वह महज छह हजार वोटों से हार गए थे। वो चुनाव भी उन्होंने आंवला लोकसभा सीट से लड़ा था। आपको बता दे कि राजवीर सिंह चुनाव लड़ने से पहले व्यापार मंडल की राजनीति मे काफी सक्रिए थे। जिसकी वजह से लोगों के बीच उनकी काफी अच्छी पकड़ भी थी और लोग उन्हें बेहद पसंद भी करते थे। मगर धीरे-धीरे व्यापार मंडल की राजनीति छोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। राजवीर सिंह भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके है। इसलिए किसानों के लिए वह आज तक सोचते रहे। जब भाजपा ने हाल ही में तीन कृषि कानूनों को लाने का ऐलान किया था तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था। पूर्व सांसद राजवीर सिंह के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वाराज, लाल कृष्ण आडवाणी आदि के साथ पारवारिक संबंध रह चुके है। इन लोगों के बीच इनका सिर्फ राजनैतिक संबंधों से अधिक घरेलू संबंध रह चुके है। जिसकी वजह से राजनैतिक क्षेत्र मे भी राजवीर सिंह के निधन को एक बड़ी क्षति मानी जा रही है। राजवीर को 25 जून 1975 को लगी इमरजेंसी मे जेल भी जाना पड़ा था। पूर्व सांसद राजवीर सिंह के दो बच्चे है। जिसमें पहला बेटा धीरेंद्र वीर सिंह उर्फ धीरू और दूसरी बेटी है। बेटी की शादी उन्होंने बदायूं में की है। राजवीर सिंह की पुत्र वधू आशा इन दिनों बरेली कॉलेज में केमिस्ट्री की लेक्चरार है। करीब 30 वर्ष पहले उनकी पत्नी का भी देहांत हो चुका है। फिलहाल जब उनके देहांत की सूचना मिली तो बरेली समेत आस-पास के उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ चुकी है। बरेली से सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि मैं और राजवीर सिंह दोनों साथ-साथ सांसद बने थे। एक अच्छे नेता में उनकी गिनती होती थी। कल उनके अंतिम संस्कार मे भी रहूंगा। उनका स्वर्गवास से काफी झटका लगा है। मेयर डॉ उमेश गौतम जी कहा कि राजवीर सिंह एक वरिष्ठ नेता थे। उनके जाने से बरेली को काफी क्षति हुई है। कार्यकर्ताओं के बीच भी वह काफी लोकप्रिय नेता रहे है। लोग उन्हें काफी पसंद करते थे। आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि राजवीर सिंह बहुत अच्छे सांसद थे। ईमानदारी उनकी एक पहचान है। कार्यकर्ता उन पर भरोसा करते थे। बाकी नेताओं को उनके जीवन से बहुत कुछ सीखना चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव
