वाराणसी- पुलिस मुठभेड़ में 50हजार का इनामी व जे.एच.वी. माल में हुए हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी ऋषभ सिंह उर्फ रिशु सिंह गिरफ्तार किया गया है ।आरोपी के पास से एक पिस्टल .32 बोर और भारी मात्रा में कारतूस व एक मोटर साईकिल बरामद की गयी है।
वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र के कैंटोमेंट एरिया में स्थित जेएचवी माल में दिनांक 31.10.2018 को दोपहर में चार अज्ञात लोगों द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर चार लोगों को घायल कर दिया गया था जिसमें ईलाज के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गयी तथा दो अन्य का ईलाज चल रहा हैं।
इस सनसनीखेज घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी द्वारा एसपी सिटी व पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में उक्त घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु क्राइम ब्रान्च सहित 12 टीमों का गठन किया गया था । घटना की गंभीरता को गठित टीमें बिहार के आरा, सिवान, पटना, सासाराम आदविभिन्न स्थानों, चन्दौली सहित वाराणसी के विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर साजिशकर्ता 25 हजार रूपये का इनामिया रोहित सिंह गिरफ्तार कर लिया गया था । इसी क्रम में आज पुलिस टीम को घटना का मुख्य आरोपी रिशु सिंह जिस पर 50हजार रूपये का इनाम था ,को गिरफ्तार करने में अहम सफलता प्राप्त हुई है।
कल देर शाम को प्रभारी क्राइम ब्रान्च विक्रम सिंह व उनकी टीम व थानाध्यक्ष लोहता राकेश सिंह पुलिस टीम के उक्त सनसनीखेज घटना में शामिल अभियुक्तों के गिरफ्तारी हेतु कोटवां बाजार में वाहनों की चेकिंग कर रहे थे कि वायरलेस सेट पर सूचना थानाध्यक्ष शिवपुर नागेश सिंह द्वारा यह सूचना दी गई कि बदमाशों द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस पार्टी पर फायर कर बदमाश लोहता के तरफ भाग रहे है। सूचना पर क्राइम ब्रान्च व लोहता पुलिस पिसौर पुल के तरफ बढ़ी कि दो बदमाश एक मोटरसाईकिल से आते हुए दिखाई दिये और पुलिस को देख फायर करते हुए मुड़े कि झाड़ियों का ओट लेकर लगातार पुलिस पार्टी पर फायर करने लगे लगातार पुलिस पार्टी को लक्ष्य करके फायर करते रहे इसी बीच बदमाशों द्वारा चलाये गये गोली पुलिस टीम के हे.का. सुरेन्द्र मोर्या को बाये हाथ में लगी जिससे वह घायल होकर गिर गये जिनको ईलाज हेतु सिंह हास्पिटल में भर्ती कराया गया,जिसके जबाब में पुलिस टीम द्वारा फायर किया गया जिसमें एक बदमाश को गोली लग गई और फायरिंग बन्द हो गई, पुलिस बदमाश के नजदीक पहुंचे तो एक बदमाश घायल अवस्था में गिरा पड़ा था और उसी के पास एक .32 बोर का पिस्टल व एक बिना नंबर की मोटर साईकिल गिरा पड़ा था जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे व झाड़ियों का लाभ उठाकर भागने में सफल रहा । घायल बदमाश से पूछा गया तो अपना नाम रिशु सिंह बताया जिसको लेकर ईलाज हेतु तत्काल पंडित दीन दयाल मण्डलीय चिकित्सालय भेजवाया गया।
वही अभियुक्त से गहन पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि इण्टर पास कर स्नातक में दाखिला लेने के लिए तैयारी कर रहा था कि पिछले साल फेसबुक पर काशी विद्यापीठ के छात्रनेता से मेरी दोस्ती हो गई तो फेसबुक के माध्यम से ही छात्रनेता के बुलाने पर बनारस आना-जाना शुरू हो गया और उन्होंने मेरा एडमीशन विद्यापीठ में कराने का आश्वासन दिया था जिसके कारण नेताओं के चुनाव प्रचार करता था और छात्रनेताओं के द्वारा ही हमलोगों को असलहें उपलब्ध कराये जाते थे, उनके आगे-पीछे चलते थे, उनके कहने पर वोट के लिए विद्यापीठ के छात्रों को डराया धमकाया करते थे और विवाद होने पर छात्र नेता हमलोगों को मदद करते थे। मैं और कुंदन आरा के स्कूल में साथ-साथ पढ़े है और बनारस आने जाने के दौरान आलोक व रोहित से हमलोगों का परिचय हो गया । हम चारों लोग निराला नगर में रोहित के किराये के कमरे पर रहते थे । आलोक की गर्लफ्रेंन्ड की छोटी बहन भी जे.एच.वी. माल के प्यूमा शोरूम में सेल्समैन थी जिसको वही का सेल्समैन प्रशान्त परेशान करता था । जब आलोक ने प्रशान्त को डराया धमकाया तो प्रशान्त ने आलोक के गर्लफ्रेंन्ड की बहन को नौकरी से निकलवा दिया था और प्रशान्त ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर नदेसर पर आलोक को मारा-पीटा भी था । आलोक ने यह बात मुझे व हमारे साथी कुन्दन व रोहित को बताई थी और आलोक की गर्लफ्रेंड ने भी आलोक को बहुत धिक्कारा था । तब हम लोगों ने प्रशान्त को सबक सिखाने की योजना बनाई थी । सर 31 अक्टूबर को आलोक के साथ जे.एच.वी. माल के प्यूमा शोरूम में गये थे । मै, आलोक व कुंदन पिस्टल लिये हुए थे । हमलोगों को माल में काम करने वाले आलोक के रूम पार्टनर रोहित सिंह ने माल में प्रवेश करने में सहयोग किया था । हमलोगों का प्यूमा शोरूम में एक युवक से कहा-सुनी हुई तो आलोक ने पिस्टल निकाल लिया तो प्यूमा शोरूम के कर्मचारियों द्वारा आलोक की पिटाई करने लगे । यह देख हम व कुंदन ने अंधाधुंध फायरिंग कर दिया जिससे वहा अफरा-तफरी मच गई और हमलोग माल के पीछे के दरवाजे से निकल कर भाग गये । बाद में हम लोगों का पता चला कि हमलोगों द्वारा किये गये फायरिंग से दो लोग मर गये है और दो लोगों का ईलाज चल रहा है जिससे हम लोग बिहार भाग गये थे । रोहित, कुंदन व आलोक के पकड़े जाने के बाद मै अकेला पड़ गया था । छात्रनेताओं द्वारा ही मेरा संपर्क बनारस के बड़े अपराधी दीपक वर्मा से कराई थी । कभी-कभी दीपक अपने किसी साथी के साथ हमलोगों के रूम पर भी आता था ।आज हमलोग छात्रनेताओं से मिलने आ रहे थे। वाहन चेकिंग चल रही थी दीपक वर्मा ही सुनसान रास्ते से जाने की बोला था । शिवपुर क्षेत्र में चेकिंग चल रही कि अपने आप को बचने के लिए चेकिंग कर रहे पुलिस बल पर अपने असलहे से फायर कर लोहता की ओर भागने लगे कि आप से घिरता देख पुनः फायरिंग करने लगे, हमारा साथी दीपक वर्मा ने बताया कि क्राइम ब्रान्च वाले है इनको मार दो नही तो हमलोगों को मार देंगें, हमलोग पुलिस पार्टी को लक्ष्य कर फायर कर रहे थे कि इसी दौरान मुझे भी एक गोली लग गई और मै गिर गया और मेरा साथी दीपक वर्मा फायर करता हुआ भाग गया ।
गिरफ्तारी टीम करने की टीम में क्राइम ब्रांच उपनिरीक्षक श्री विक्रम सिंह उपनिरीक्षक राकेश सिंह थानाध्यक्ष लोहता व थानाध्यक् शिवपुर सहित अन्य पुलिस टीम शामिल थी।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी