पुलिस ने किया ATM गैंग का पर्दाफाश:मदद के बहाने एटीएम कार्ड बदल कर करते थे ठगी

कानपुर दक्षिण – कानपुर के हनुमंत विहार थाने की पुलिस ने एटीएम बूथ पर लोगों को मदद के बहाने चूना लगाने वाले 3 शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है. अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुलकर्णी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे बताया यह शातिर ठग एटीएम के आसपास रहते है जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति एटीएम से पैसा निकालने के दौरान परेशान दिखता था या फिर एटीएम मशीन ख़राब होती थी तो इस गैंग के लोग सर्वर डाउन के बहाने उसके एटीएम कार्ड को अपने हाथ से लगाने की कहकर कार्ड बदल देते थे. और उसके हाथ में उसके जैसा ही दूसरा कार्ड दे देते थे. और अंदर खड़ा दूसरा ठग पासवर्ड देख लेता था

यह एटीएम कार्ड बदलते समय यह भी ध्यान रखते कि जिस रंग का एटीएम कार्ड धारक पर है उसी रंग के डूप्लीकेट कार्ड से उसे बदलना है। इसके बाद यह लोग एटीएम पिन जानते और फिर उससे डूप्लीकेट कार्ड को यूज करने के लिए बोलते। लेकिन डूप्लीकेट कार्ड मशीन में काम नहीं करता और धारक वहां से निकल जाता। इसके बाद यह शातिर ओरिजिनल एटीएम कार्ड के जरिए सारी रकम निकाल लेते थे। लिमिट पूरी हो जाने पर कार्ड मशीन मे स्वैप कर ज्वेलरी,कपड़े आदि खरीद लेते थे तत्पश्चात ज्वेलरी को बेचकर आपस मे पैसा बाँट लेते है
शातिरों से यह हुआ बरामद
थाना प्रभारी अभिलाष मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को चतुर्वेदी बिल्डिंग के पास एक्सिक्स एटीएम के पास सुबह सड़क के किनारे से गिरफ्तार किया है। पकड़े गये व्यक्तियों के पास से घटना में प्रयुक्त होने वाली 2 मोटर साइकिल, 102 एटीएम, 2 मोबाइल और 18500 रुपए नगद बरामद किये हैं। पूछताछ में तीनों ने अपना नाम यशवंत सिंह पुत्र गोरे लाल निवासी वमनौती थाना बरौर जनपद कानपुर देहात, सचिन साहनी पुत्र जीतेश्वर साहनी निवासी थाना मुहम्मदपुर जनपद गोपालगंज बिहार,और धनराज कुमार चौधरी पुत्र मदन चौधरी निवासी डुमरिया थाना मुहम्मदपुर जनपद गोपालगंज बिहार बताया। उन्होंने बताया कि यह लोग पिछले कई सालों से इस तरह उत्तरप्रदेश के आसपास के जिले व सबसे ज्यादा ठगी कानपुर जिले मे की हैं। इसमें सचिन साहनी ने ठगी के पैसे से गांव मे प्रधानी का चुनाव भी लड़ा.पुलिस ने शातिरों के खिलाफ धारा 420, 411,120 बी में मुकद्दमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पुलिस इन शातिरों ठगों का इतिहास जानने की कोशिश कर रही है कि यह काम यही लोग कर रहे थे या उनके साथ और भी लोग हैं।

– सर्वेश पाठक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *