बरेली। ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर अंजुमन इत्तेहादुल मुस्लिमीन की ओर से गुरुवार दोपहर पुराने शहर से जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। 6 मीनारा मस्जिद के समीप मुन्ना खां के नीम से जुलूस शुरू हुआ जो मीरा की पेठ, बुखारपुरा, जवाहर इंटर कॉलेज पुलिया, रोहली टोला, जगतपुर हाफिज मियां के मजार से कांकर टोला पुलिस बौकी, शाहदाना चौराहा, आजाद इंटर कॉलेज, सैलानी आदि स्थानों से होकर निकला। दोबारा मुन्ना खां के नीम पर आकर समाप्त हुआ। जुलूस में शामिल अंजुमनों को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम सुबह 10 बजे कुरानख्वानी से शुरू हुआ। उसके बाद जुलूस की शुरुआत मुफ्ती शकोल मिस्नाही ने की। शाहरुख अत्तरी ने नाते पाक का नजराना पेश किया। जुलूस की कयादत दरगाह तहसीनिया के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खान ने की। उन्होंने कमर चिश्ती को जुलूस का परचम सौंपकर जुलूस को रवाना किया। जुलूस में सरकार की आमद मरहबा, पती-पत्ती फूल फूल या रसूल या रसूल, जश्ने ईद मिलादुन्नबी जिंदाबाद, मदनी की आमद मरहबा, पूरनूर की आमद मरहबा के नारे गूंजते रहे। जुलूस में दावत-ए-इस्लामी, अंजुमन रजा ए मुस्तफा, अंजुमन अली शेरे खुदा, अंजुमन तालिमाते कुरान, अंजुमन लश्करे रजा अंजुमन गुलजारे रशीदी, अंजुमन बुलबुल मदीना, अंजुमन सगे आला हजरत, अंजुमन ख्वाजा गरीब नवाज सहित लगभग 110 अंजुमन शामिल हुई। जुलूस में नवाब मुजाहिद हसन खान, प्रो. जाहिद खान, काजी अलीमुद्दीन, इकरार अहमद, मोहम्मद मियां, नईमुद्दीन, डॉ. अनीस वेग आदि की दस्तारबंदी की गई। जगह-जगह लोगों ने कैंप लगाकर जुलूस का स्वागत किया और लंगर का वितरण किया। जुलूस की व्यवस्था में अंजुम शमीम, इमशाद हुसैन, मोहम्मद उस्मान, पामीन अहमद, अनवर हसन, सैयद जफर, करामतुल्लाह आदि ने संभाली। जुलूस कमेटी के महासचिव अंजुम शमीम ने आभार व्यक्त किया। ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर निकलने वाला जुलूस ए मोहम्मदी अभी तक रात मे निकाला जाता था। पिछले साल जुलूस के रास्ते को लेकर दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए थे। जिसके बाद जुलूस कमेटी के लोगों ने तय किया कि 50 साल पहले जिस तरह से दिन में जुलूस ए मोहम्मदी निकलता था उसी तरह से जुलूस निकाला जाएगा। वहीं, जुलूस मे डीजे लेकर आनी वाली अंजुमनी की जुलूस मे शामिल नही किया गया।।
बरेली से कपिल यादव