कानपुर – देश में पुराने नोटों की सबसे बड़ी बरामदगी शहर से हुई। समाचार और टीवी चैनलों की सुर्खियों में आया यह मामला कई दिनों तक राष्ट्रीय स्तर पर भी छाया रहा लेकिन जितनी बड़ी बरामदगी पुलिस ने की, मामला उतना ही कमजोर साबित हो रहा है। एक-एक कर पाच आरोपितों को जमानत मिल गई। पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।
स्वरूप नगर पुलिस ने चलन से बाहर हुए 96.62 करोड़ रुपये के पुराने नोटों के साथ 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। 17 जनवरी 2018 को हुई इस बड़ी कार्यवाही में शहर के कई होटल और अलग-अलग स्थानों पर छापा मारकर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने का दावा किया था। अकेले बिल्डर आनंद खत्री के पास से 96.14 करोड़ रुपये के पुराने नोट पुलिस ने बरामद दिखाए थे। इतनी बड़ी बरामदगी पुलिस के लिए भी गुडवर्क से कम नहीं थी। पुलिस ने इस मामले में आइपीसी की धारा 420, 511, 120बी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा 7 और 5 में कार्यवाही की और चार्जशीट भी इन्हीं धाराओं में दाखिल की। कानूनविदों की माने तो धाराएं जमानतीय हैं। पुराने नोट मिलना उतना बड़ा अपराध नहीं है जितना बताया गया है। जिसके बाद यह कहें कि करोड़ों रुपयों की बरामदगी, 16 आरोपियों की गिरफ्तारी और 1860 पन्ने की चार्जशीट में किया गया गुडवर्क आरोपियों को जमानत मिलने के बाद धरा रह गया। यही नहीं इस मामले में जाच भी इससे ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी। इस मामले के खुलासे के बाद ऐसा लगा था कि यह मामला बहुत आगे तक जाएगा।
– हिमांशु सचान के साथ आकाश रावत की रिपोर्ट