पुरानी पेंशन से कम कुछ मंजूर नही, यूपीएस के नाम पर ठग रही सरकार

बरेली। केंद्र की मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी है। जिसके बाद दावा किया जा रहा है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर चली आ रही कर्मचारियों की मांग खत्म हो जाएगी। मगर कर्मचारियों ने इसका भी विरोध शुरू कर दिया है। रविवार को पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरएसएस) की तरफ से यांत्रिक कारखाना स्थित कार्यालय पर आम सभा का आयोजन किया गया। जिसमे एक सुर मे यूपीएस का विरोध किया। पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष जेएस भदौरिया ने यूपीएस पर बोलते हुए कहा कि लंबे समय से रेल कर्मचारियों समेत सभी सरकारी कर्मी पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और धीरे धीरे आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा है। वर्तमान में केन्द्र सरकार के विरोध में जहां कर्मचारी लामबंद है। वही लोकसभा चुनाव में भी वर्तमान सरकार के कमजोर प्रदर्शन के लिए कर्मचारियों की नाराजगी भी एक मुख्य कारण रही है। लेकिन अब यूपीएस के नाम पर कर्मचारियों को सरकार ने पुन: ठगने का कार्य किया है। पच्चीस साल की नौकरी के बाद पचास प्रतिशत पेंशन मिलेगी सेतिन हमारा 10 प्रतिशत एवं सरकारी 18.5 प्रतिशत अंशदान सरकार रख लेगी। सिर्फ अंतिम छह महीने का औसत वेतन ही वापस करेगी। भदौरिया ने कहा कि कर्मचारियों को केवल पुरानी पेंशन ही चाहिए। बैठक का संचालन करते हुए सहायक मंडल मंत्री विवेक शर्मा ने कहा कि जेसीएम के सदस्यों में 27 में से 23 पदाधिकारी सेवानिवृत्त हैं। जिनको पुरानी पेंशन मिल रही है, लिहाजा इनको एनपीएस का दर्द नहीं पता। बैठक में वसीम मियां, रवींद्र कुमार, वीरेंद्र पाल, अरविंद भदौरिया, त्रिभुवन यादव, धनकुमार पासवान, नंदन सागर, सूरजमल मीणा, रविंद्र यादव आदि मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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