बरेली। डॉ. योगेन्द्र भारद्वाज को पुणे में आनंदी यूनिवर्स फाउंडेशन ने आदर्श शिक्षक पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया। डॉ. योगेंद्र की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा बरेली स्थित त्रिवटीनाथ सांगवेद संस्कृत महाविद्यालय (गुरुकुल) से हुई है। जिसमे छात्रों को भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार शास्त्रों का पारंपरिक शिक्षण दिया जाता है। वेद, ज्योतिष, संस्कृत व्याकरण और साहित्य आदि विषयों के साथ आधुनिक विषय जैसे कम्प्यूटर, सोशल साइंस, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषय भी पढ़ाये जाते है। वह दिल्ली शिक्षा निदेशालय के 500 से अधिक सरकारी शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षानीति-2020 के अनुरूप प्रशिक्षण दे चुके हैं। उन्होंने आयुर्वेदिक एबीसीडी जैसे नवाचारी प्रयोग को भी विकसित किया है। वह वर्तमान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के आइकेएस-ईडीएस केंद्र में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप मे कार्यरत है और संस्कृत की एनसाइक्लोपीडिक डिक्शनरी ऑफ संस्कृत के प्रोजेक्ट में उप-संपादक की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आयुर्वेद विज्ञान में एबीसीडी नामक एक नवाचारी प्रयोग भी किया है, जिसकी अकादमिक जगत मे सराहना हुई। डॉ भारद्वाज इस भारतीय ज्ञान परम्परा में सतत विकास और उसकी उपयोगिता पर भी कार्य रहे हैं, जोकि समसामयिक संदर्भ में हॉट टॉपिक है। भारतीय विदेशनीति में कला और साहित्य का योगदान, जापान और भारतीय संस्कृति मे कलाओं का साम्य, धनुर्वेद में व्यूह संरचना जैसे विषयों पर अंतर्विषयक दृष्टि से आपने शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार और कांफ्रेंस में प्रस्तुत किये है।।
बरेली से कपिल यादव