बरेली। थाना बारादरी क्षेत्र के पीलीभीत बाईपास चौड़ीकरण की जद मे आ रहे धार्मिक स्थल मजार को तोड़े जाने की सूचना पर विशेष समुदाय के लोग सड़क पर उतर आये और जमकर हंगामा किया। पीलीभीत हाईवे रोड को जाम कर दिया। राहगीरों समेत पत्रकारों के साथ मारपीट की गई। वही मजार पहुंचे इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव ने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है। पीलीभीत हाइवे पर महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के गेट के पास दशकों पुरानी मदीना शाह की मजार है। जो समुदाय विशेष के आस्था का केंद्र है। लेकिन बरेली मे स्मार्ट सिटी पोजेक्ट के तहत पीडब्ल्यूडी द्वारा सड़क का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। बुधवार को एक धार्मिक स्थल से जुड़े लोगों को किसी ने सूचना दी कि धार्मिक स्थल को तोड़ने के लिए बुलडोजर लगाया जा रहा है। यह सूचना तेजी से वायरल हो गई। आसपास के क्षेत्र से लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए। पीलीभीत बाईपास रोड पर भीड़ इकट्ठा हो गई और जाम लगा दिया। डेढ़ घंटे तक भीड़ हंगामा विरोध करती रही। इसी बीच आईएमसी के प्रवक्ता डॉ नफीस खां अपनी टीम के साथ पहुंचे और कहा कि मजार को अपनी जगह से हटाया नही जा सकता है और यह मजार 150 साल पुरानी है। जिससे सभी की आस्था जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बरेली नगर पालिका के साल 1921 के नक्शे के आधार पर प्रशासन को सभी समुदाय के धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। एक तरफ बातचीत की जा रही थी। वही दूसरी तरफ आक्रोशित भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ ने रोड जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। वहां से गुजर रहे राहगीरों समेत कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई।।
बरेली से कपिल यादव