बरेली। जिले में गुरुवार को साप्ताहिक बंदी के दिन भी शहर भर के ज्यादातर बाजार बंद रहे लेकिन दुग्ध उत्पाद, राशन आदि की दुकानें खुली रहीं। कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने साप्ताहिक बाजारों पर पाबंदी लगा दी है लेकिन गुरुवार की सुबह फड़ वालों ने चोरी छुपे बाजार लगाई। हालांकि पुलिस क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों ने फड़ वालों को दौड़ाया लेकिन वह फिर लौट आए। ऐसे में आरोप है यह भी लग रहे हैं कि कुछ पुलिसकर्मी फड़ वालों से उगाही कर लौट गए। गुरुवार को साप्ताहिक बंदी की वजह से बड़ा बाजार, कोहड़ापीर रोड, बांस मंडी रोड, बटलर प्लाजा, पंजाबी मार्केट, रोडवेज बाजार समेत तमाम बाजारों की दुकानें बंद रहीं लेकिन कुमार टॉकीज के पास फड़ वालों ने गुरुवार की सुबह साप्ताहिक बाजार लगा ली। यह भनक लगते ही मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने फड़ को दौड़ा लिया लेकिन कुछ देर बाद लौटे फड़ वालों ने कुमार टॉकीज के पीछे वाली गली में दुकानें सजा ली। हालांकि चोरी छुपे दुकानें लगने की वजह से लोगों को साप्ताहिक बाजार का पता नहीं चल सका। फड़ वाले दोपहर तक खाली बैठकर ग्राहकों का इंतजार करते रहे।
पहले कमाते थे तीन हजार प्रतिदिन
ठेले पर कपड़े बेचने वाले मोहम्मद अशफाक का कहना है कि लॉक डाउन से पहले वह खेलों पर कपड़े बेच कर दो से तीन हजार रोज कमा लेते थे लेकिन अब कोरोना संक्रमण की रोकथाम को पुराने कपड़े बेचने से मना कर रही है। फड़ वाले पुलिस वालों को दूर से ही आता देखकर दौड़ लगा देते हैं। इसलिए गली गूछों में चोरी छुपे कपड़े बेच रहे हैं। परिवार के पालन पोषण करने का मात्र यही एक जरिया है।
उगाही करके बाजार लगवा रहे पुलिस वाले
गोल मार्केट के पास भी कुछ कपड़े वालों ने फड़ लगाए। व्यापारी मोहम्मद जहीर का कहना है कि वह सातों दिन गांव से लेकर शहर में साप्ताहिक बाजारों में पुराने कपड़े बेचते थे। कोरोना संक्रमण के चलते साप्ताहिक बाजारों पर पाबंदी लग गई है। इससे उनका कारोबार ठप हो गया है। हमारी भी मजबूरी थी फड़ लगाकर माल बेचे और पुलिस की भी ड्यूटी है कि बाजार बंद कराएं। ऐसे में चोरी छुपे फड़ लगाना पड़ रहा है। कुछ पुलिसकर्मी सुविधा शुल्क देकर चले गए नहीं तो वह भी यहां से भगा देते।।
बरेली से कपिल यादव