बरेली। मानसिक बीमारी झेल रहे रविन्द्र (काल्पनिक नाम) पांच साल पहले अपने घर कुशीनगर से लापता हो गए थे। परिजनों ने तलाश की लेकिन कोई सुराग नही मिला। इस दौरान गांव वालों ने उनकी पत्नी को सिंदूर हटाने और श्रृंगार त्यागने की सलाह दी पर पत्नी ने हार नही मानी। उसका विश्वास था कि एक दिन उसका पति जरूर लौटेगा और पांच साल बाद उसका पति वापस मिल गया। 15 जून 2024 को थाना बिथरी चैनपुर क्षेत्र मे शाहजहांपुर रोड पर मानसिक रूप से विचलित हालत मे रविन्द्र मिले थे। उन्हें मनोसमर्पण सेवा संस्थान ने यूपी 112 की मदद से रेस्क्यू किया और 20 जून 2024 को न्यायालय के आदेश पर उन्हें मानसिक चिकित्सालय बरेली मे भर्ती कराया गया। एक साल तक चले उपचार और काउंसलिंग के बाद जब उनकी मानसिक स्थिति मे सुधार हुआ तो उन्होंने अपना पता बताया और घर लौटने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद मनोसमर्पण की टीम ने कुशीनगर जाकर परिवार को खोज निकाला। पत्नी को जब इसकी सूचना मिली तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उसने बताया कि वह पांच साल से पति की प्रतीक्षा कर रही थी और तमाम तानों और सामाजिक दबावों के बावजूद उसने सिंदूर नही हटाया। मानसिक चिकित्सालय की निदेशक डॉ. पुष्पा पंत त्रिपाठी और डॉ. आलोक शुक्ला के निर्देश पर रविन्द्र को पत्नी के सुपुर्द किया गया। साइकोलॉजिस्ट शैलेश शर्मा ने कहा कि यह घटना बताती है कि समाज मे मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता और सहानुभूति जरूरी है, ताकि समय रहते सही इलाज मिल सके।।
बरेली से कपिल यादव