बरेली। पांच साल के बेटे के हाथ मे बिल्ली के खरोंच मारने को नजरंदाज कर देने की चूक एक परिवार को काफी भारी पड़ गई। बच्चे मे अब रैबीज के लक्षण पाए गए हैं। बच्चे को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया है। जनपद बदायूं के बिल्सी निवासी शालू सैफी के मुताबिक महीने भर पहले उनके घर में पड़ोसी की पालतू बिल्ली चली आई थी और उनके बेटे शिफान के दाहिने हाथ में पंजा मार दिया था। शिफान के हाथ सिर्फ खरोंच आने की वजह से वह उसे अस्पताल नही ले गए। सप्ताह भर पहले शिफान के व्यवहार में बदलाव आने लगा। उसे भूख न लगने के साथ बात-बात पर गुस्सा आने लगा और वह पानी देखकर चिल्लाने लगा। गुरुवार को वह उसे बरेली के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां से उन्हें तीन सौ बेड अस्पताल के एंटी रैबीज सेंटर भेज दिया गया। सेंटर प्रभारी ने बच्चे में रैबीज के लक्षण पाए जाने के बाद आईडीएसपी को सूचना दी। जांच में बच्चा हाइड्रोफोबिया और एयरोफोबिया (हवा और पानी से डर) से ग्रसित मिला। इस पर उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। बदायूं आईडीएसपी को भी सूचना दी गई है। आईडीएसपी के अनुसार कुत्ते और सियार के काटने से रैबीज का संक्रमण होने के तो हर साल तमाम मामले सामने आते हैं लेकिन पालतू बिल्ली के पंजे की खरोंच से रैबीज के लक्षण का यह पहला मामला है। शिफान के परिजनों को उसे फौरन एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने चूक कर दी। बिल्ली को भी वैक्सीन नहीं लगवाई गई थी। गाइड लाइन के तहत आईडीएसपी ने बच्चे के परिवार के सभी पांच सदस्यों को एंटी रैबीज वैक्सीन की डोज लगाई। उन्हें बच्चे की लार के संपर्क में आने से बचने का भी निर्देश दिया गया है।।
बरेली से कपिल यादव