देहरादून- श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा पवित्र छड़ी यात्रा ने गुरूवार को बाबा केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना करके तथा राष्ट्र में अमन चैन वशखुशहाली की प्रार्थना की, प्रातःकाल गौरी कुंड ,भगवान शिव मां पार्वती की विवाह स्थाली त्रिजुकिनारायण ,ओकी मठ जहा पर केदारनाथ जी 6 माह विश्राम मे रहते है ,मण्डल अनसूइया मन्दिर मे दर्शन ,गोपेश्वर महादेव,पूजन करके पीपल कोटी जिला चमोली मे रात्री विश्राम करके ,कल बद्रीनाथ धाम मे दर्शन करने पहुचेगी ,यात्रा की अध्यक्षता अन्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहन्त प्रेम गिरि जी महाराज व साधुओं के जत्थे का के साथ चल.रही है,यात्रा पहुचने पर ढोल-नगाडे के साथ निकली शोभायात्रा का जगह जगह स्थानीय नागरिकों ने पूष्पवर्षा कर स्वागत किया तथा संतो का आर्शीवाद प्राप्त किया। पवित्र छड़ी को पौराणिक तीर्थ कोटेश्वर महादेव पूजा अर्चना के ले जाया गयाथा जहां पवित्र अलकनंदा नदी में स्नान के पश्चात पौराणिक शिवमन्दिर जो कि एक गुफा में स्थित है,में पूजा अर्चना की गयी। श्रीमहन्त प्रेमगिरि जी महाराज ने कोटेश्वर महादेव मन्दिर का महत्व बताते हुए कहा कि पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान शिव से वरदान प्राप्त करने के बाद जब भस्मासुर उन्ही के सिर पर हाथ रखकर भस्म करना चाह रहा था,तब भगवान शिव ने भगवान विष्णु से अपने प्राणों की राा के लिए इसी स्थान पर प्रार्थना की थी और स्वयं एक गुफा में छिप गए थे। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर यहां भस्मासुर का संहार किया था। जिस गुफा में भगवान शिव छिपे थे,वह प्राकृतिक गुफा आज भी श्रद्वालुओं की आस्था व श्रद्वा का केन्द्र बनी हुई है। इस गुफा में स्थित शिवलिंग पर प्राकृतिक रूप से जल की बूंदे हर समय गिरती रहती है। पवित्र छड़ी को लेकर श्रीमहंत विशम्भर भारती, श्रीमहंत पुष्करगिरि,श्रीमहंत कुशगिरि,महंत वशिष्ठ गिरि,महंत रणधीर गिरि,महंत आजाद गिरि,महंत पारसपुरी,महंत गौतम गिरि,राज गिरि,लालगिरि,अमृतपुरी,धर्मेन्द्र पुरी आदि साधु संत हर हर महादेव के जयधोष करते हुए चल रहे थे।