*लोक आस्था ही नहीं पर्यावरण से भी जुड़ा है महापर्व छठ
बिहार /मझौलिया- लोकआस्था का महापर्व छठ के रंग से पूरे बिहार में बहार है। सुदूर गांवों से लेकर शहर तक छठ पर्व की रौनक से अमीर-गरीब हर वर्ग का जीवन रोशन हो रहा है। लोग पूरी श्रद्धा, भक्ति,आस्था और उमंग से पर्व को मना रहे हैं। कोरोना के कारण सुस्त पड़े जीवन और बाजार फिर से खिल उठे हैं। घरों से लेकर घाट तक छठी मईया के सुरीले लोकगीतों गूंज रहे हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा छठ पर्व के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं।
अच्छी बात यह है कि मझौलिया प्रखंड क्षेत्र में लोग स्वयं भी कोरोना से बचाव के साथ पर्व को उल्लास से मना रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में ही भगवान भास्कर को अर्घ देने की तैयारी की है। घाटों पर एहतियात के साथ सूर्य उपासना की तैयारी की गई है। घाटों पर साफ-सफाई से लेकर आकर्षक रोशनी की व्यवस्था की गई है। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। दरअसल, लोक आस्था का यह पर्व इसलिए तो अनूठा है कि इसमें प्रकृति की पूजा, प्राकृतिक चीजों के व्यापक प्रयोग की कुशलता, शिक्षा और स्वास्थ्य की सीख, स्वच्छता, संस्कृति , भाईचारा और आस्था का बेजोड़ मेल है। छठ व्रती डूबते सूर्य को अर्घ देंगे। कल सुबह को उगते सूर्य को अर्घ देकर पूजा संपन्न होगी । इसके पहले श्रद्धालुओं ने नहाय-खाय और खरना पूजा किया।
– मझौलिया से राजू शर्मा की रिपोर्ट