बरेली। 58वें सालाना उर्स ए शराफती का आगाज सोमवार को परचम कुशाई की रस्म के साथ किया गया। जुलूस का जगह-जगह लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। दरगाह के मेहमान खाने में सोमवार की सुबह तकरीरी प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें निजामत मुख्तार तिलहरी ने की। प्रो. महमूद उल हसन ने पैगंबर ए इस्लाम की आमद पर रोशनी डाली। मुफ्ती फहीम अजहरी सकलैनी ने अपनी तकरीर में शराफत अली मियां की जिंदगी पर रोशनी डाली। कार्यक्रम की सरपरस्ती सज्जादानशीन शाह मोहम्मद गाजी मियां ने की। दरगाह शराफत मियां से सोमवार दोपहर 2:30 बजे परचम का जुलूस रवाना हुआ। उसके बाद कच्ची मस्जिद, ब्रहमपुरा, दिलशाद बजरिया, दीवानखाना चौक, कोहाड़ापीर चौराहा से गुजरता हुआ नैनीताल रोड, कुतुबखाना पहुंचा और मनिहारान गली होता जुलूस वापस दरगाह पर पहुंचा। जिसके बाद दरगाह पर परचम लगाकर उर्स ए शराफती का एलान किया गया। जुलूस ए परचम कुशाई की कयादत सादकैन मियां सकलैनी व हाफिज इमाम गुलाम गौस सकलैनी ने की। जुलूस में शामिल लोगों के लिए लंगर का भी आयोजन किया गया। जुलूस में खास तौर पर मौलाना रिफाकत नईमी, मौलाना मुख्तार सकलैनी, मुफ्ती फहीम अहमद सकलैनी, मौलाना अनवार सकलैनी, हाफिज गौसी सकलैनी, हाफिज जाने आलम, मोहम्मद हमजा सकलैनी, गुलाम मुर्तुजा सकलैनी, फैजयाब सकलैनी, मुंतासिब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, हाजी लतीफ सकलैनी, इंतिजार सकलैनी, मेराज सकलैनी, असदक सकलैनी, जिया सकलैनी, असदक सकलैनी, नजीफ सकलैनी, हमूद सकलैनी आदि शामिल रहे। वही दरगाह के मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने जुलूसे परचम कुशाई में पुलिस प्रशासन की ओर से अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उर्स ए शराफती की जुलूसे परचम कुशाई मे जहां एक तरफ हजारों अकीदतमंदों की भीड़ रही। वही पुलिस-प्रशासन की ओर से बड़ी ढील और लापरवाही का नजारा देखने को मिला। सुरक्षा व्यवस्था और पर्याप्त फोर्स नहीं होने से जुलूस मे शामिल लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।।
बरेली से कपिल यादव