पत्रकारो पर हो रहे हमलों और हत्याओं से आहत जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने दी आंदोलन की चेतावनी

*प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पत्रकारो से अभद्रता पर कार्यवाही का ब्यान बेइमानी
*पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को सरकारें कर रही है नजरअंदाज

देश के हर प्रदेश मे लगातार बढ़ रहे हमलो से आहत जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की एक बैठक संपन्न हुई।जिसमे सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के बलरामपुर मे पत्रकार राकेश सिंह व उनके साथी को दबंगो द्वारा जिंदा जलाया जाना यह बताता है कि सरकार पत्रकारो की सुरक्षा को लेकर कितनी संजीदा है। अपनी जान को जोखिम मे डालकर सच्चाई को जनता के सामने उजागर करने के कार्य को पत्रकार बखूबी अंजाम देते है ।लेकिन जब भी कोई अप्रिय घटना किसी पत्रकार के साथ घटती है तव राजनेता और जनप्रतिनिधि केवल बयानबाजी करके ही इतिश्री कर लेते है। पत्रकारो के संगठन सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग काफी समय से कर रहे है । लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नही दे रही। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि यदि अब भी सरकारो ने पत्रकारो की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाया तब पत्रकार आदोलन करने के लिए वाध्य होंगे।
अभी हाल ही मे प्रधानमंत्री जी एव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का एक ब्यान मीडिया मे बडा सुर्खियो मे रहा कि पत्रकारो को धमकाने बाले जायेगे जेल ,24 घंटो मे होगी कार्यवाही,50 हजार का लगेगा जुर्माना लेकिन सब बेइमानी ही साबित हुआ। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया सरकार से मांग करती है देश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर ठोस कानून बने और देश के हर प्रदेश मे लागू हो जिससे मीडिया कर्मी बेहिचक होकर अपने काम को अंजाम दे सके। यदि जल्द ही सरकार ने पत्रकारो की इस मांग को गंभीरता से नही लिया तो पत्रकार भी आंदोलन करने के लिए सड़को पर उतरने के लिए वाध्य होगे।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी पत्रकार संगठनो को एकमंच पर आकर पत्रकारो के हितो की लडाई एकजुट होकर लडने का भी आव्हान किया।

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