पत्नी ने लेखपाल से साठगाँठ कर बनवाया फर्जी आय प्रमाणपत्र:पति ने किया मंडलायुक्त से शिकायत

कानपुर – कानपुर देहात से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में एक पति ने अपनी पत्नी के खिलाफ ही धोखाधड़ी को लेकर जांच के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। इस मामले के मुताबिक कानपुर देहात के भोगनीपुर निवासी एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर झूठे प्रपत्रों के आधार पर बड़े फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए मंडलायुक्त कानपुर के यहाँ शिकायत की है जिसपर मामले की जाँच के निर्देश दिए गए है।

जानकारी के मुताबिक, कानपुर देहात जिले की भोगनीपुर तहसील से ग्राम अनंतापुर निवासी संतोष सचान की पुत्री दीप्ती सचान ने सरकारी योजनाओ का लाभ उठाने के लिए जानबूझकर परिवार की वास्तविक आय छुपाकर परिवार के सदस्य एवं अच्छी कंपनी में कार्यरत अपने अविवाहित भाई हिमांशु सचान को बेरोजगार दिखाते हुए तत्कालीन लेखपाल राम आसरे के साथ मिलीभगत करके, विधि विरुद्ध तरीके से राजस्व विभाग से दिनांक 07/05/2019 को 48000 रुपए वार्षिक पारिवारिक आय का आय प्रमाणपत्र संख्या 334191006009 जारी करवाया। 
युवती ने इन फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग खाद्य एवं रसद विभाग तथा शिक्षा विभाग में किया गया। प्रार्थी की शिकायत पर जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और जारी प्रमाणपत्र गलत पाया गया जिसके संबंध में तहसीलदार द्वारा उपरोक्त प्रमाणपत्र को निरस्त करने की रिपोर्ट जनपद स्तर को भेज दी गई जिसके बाद प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया किंतु अभी तक राशन कार्ड निरस्त नहीं हुआ एवं लाभार्थी पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।

पुनः इसी तरह विधि विरुद्ध तरीके से उक्त पते की निवासिनी दीप्ती सचान का वर्ष 2020 में विवाह हो जाने के उपरांत अपने मायके में रहते हुए झूठे तथ्यों के आधार पर खुद को अविवाहित दिखाकर आय प्रमाणपत्र जारी किए जाने का आवेदन वर्ष 2021 में भोगनीपुर तहसील में दिया गया और अविधिक तरीके से दिनांक 03/05/2021 को पारिवारिक आय प्रमाणपत्र संख्या 334211011139 जारी करवाया गया और उसका भी दुरुपयोग किया। जिसके संबंध में शिकायत करने पर उक्त प्रमाणपत्र को निरस्त करने की रिपोर्ट जनपद स्तर को भेज दी गई किंतु अभी तक प्रमाणपत्र निरस्त नहीं किया गया है।

तहसीलदार की विधिक जांच में उक्त प्रमाणपत्रों के फर्जी पाए जाने के बावजूद अधिकारियों द्वारा लाभार्थी एवं संबंधित लेखपाल पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही इन फर्जी प्रमाणपत्रों के दुरुपयोग से हुए सरकारी नुकसान की जांच की गई। यहाँ तक कि पूर्ति निरीक्षक भोगनीपुर द्वारा वर्तमान में लाभार्थी एवं उसके परिवार की सकल वार्षिक आय कि जानकारी तहसील स्तर से चाही गई परन्तु इस बिंदु पर कोई भी जवाब तहसील स्तर से अभी तक नही दिया गया है, जो कि लाभार्थियों एवं उक्त प्रकरण से सम्बंधित लेखपाल के प्रति पूर्ण संरक्षण की मनोवृत्ति को दर्शाता है एवं भ्रष्टाचार के संदेह को पूर्ण रूप से स्पष्ट कर रहा है।
उक्त प्रकरण भोगनीपुर तहसील में हुए भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े एवं सरकारी संपत्ति की हानि से संबंधित है अतः आपसे निवेदन है कि उपरोक्त प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए इस फर्जीवाड़े और कदाचार में शामिल संबंधित लाभार्थियों एवं दोषियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश पारित करने की कृपा करें जिससे माननीय योगी आदित्यनाथ जी की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस नीति सफल हो सके।

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