‘पतझड़ के बाद जीवन’ का इंतजार कितना सही दर्शा गया नाटक

बरेली। थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी के 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के दसवेँ दिन बियॉन्ड इमैजिनेशन थिएटर ग्रुप दिल्ली ने नाटक “पतझड़ के बाद” का मंचन किया। नाटक की कहानी दो बुज़ुर्गो से शुरू होती है जो अपने परिवारों से ठुकरा दिए गए है। दोनों ओल्ड एज होम में रहते हुए एक दूसरे का सुख दुख बाटने लगते है। बात यहाँ तक पहुंच जाती है कि दोनों एक दूसरे के साथ ज़िन्दगी बिताने का विचार करने लगते है। लेकिन हालात के जाल में फंसकर दोनों अपने इस नए रिश्ते के बारे में सोचने पर मज़बूर हो जाते है।पतझड़ के बाद जीवन का इंतजार यही है जीवन का सार। इस मार्मिक संदेश के साथ ये नाटक दर्शको को ज़िन्दगी के साथ जीना सिखा जाता है।

नाटक का शुभारंभ डॉ. विनोद पागरानी, साहित्यकार डॉ. लवलेश दत्त ने किया। कार्यक्रम में शैलेन्द्र कुमार, शालिनी गुप्ता, सविता यादव, मानस सक्सेना, मोहित सक्सेना अजय गौतम, सचिन श्याम भारतीय का विशेष सहयोग रहा।

– बरेली से सचिन श्याम भारतीय

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