*ट्रैफिक पोस्ट यातायात अधिकारियों तबादला एक दिखावा।
पटना/बिहार- बीते दिनों पटना जिले के अंतर्गत ट्रैफिक अधिकारी का किया गया था तबादला लगभग ड्यूटी कर रहे चार से पांच महीने के अधिकारियों का तबादला किया गया लेकिन सूत्रों के अनुसार कुछ ऐसे भी अधिकारी है जो नौ से दस महीने ड्यूटी करने के बाद भी ट्रैफिक अधिकारियो का तबादला अब तक क्यों नही जो जहाँ है जस का तस छोड़ दिया गया है इन लोगो का ना कोई सुनने वाला ना कोई ध्यान देने वाला आखिर जिन लोगो का तबादला अब तक नही हुआ उनका जिम्मेदार कौन?
जिले की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अब तक कई प्रभारी इधर से उधर हो चुके है लेकिन एक लंबे अर्से से बेपटरी चल रही व्यवस्था सुधरने का नाम नही ले रही है। चौकाने वाली बात यह है कि सफेद वर्दीधारी वसूली अभियान में मदमस्त है। जिससे एक बार पुनः आम जनता की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों ट्रैफिक पुलिस ने वसूली के अपने कई ठिकाने बना लिए है। शेखपुरा ट्रैफिक पोस्ट, डुमरा पुलिस ट्रैफिक पोस्ट,बोरींग रोड ट्रैफिक पोस्ट,हाइकोर्ट ट्राफिक पोस्ट,भोल्टास ट्रैफिक पोस्ट, ,कुल्हड़िया ट्रैफिक पोस्ट,कुम्हरार ट्रैफिक पोस्ट,इन ठिकानो में कई ऐसे अन्य ठिकाने है। बदहाल व्यवस्था के लिए आये दिन सुर्खियों में बने रहने वाली यातायात पुलिस न जाने कब अपने कर्तव्य मार्ग पर वापस आएगी। बात चाहे बेतरतीब खड़े वाहनों की हो अथवा ट्रैफिक जाम की हर जगह पुलिस नदारत रहती है। इस बदहाली का खामियाजा आम जनता और मुसाफिरों को झेलना पड़ता है। समझ नही आता इस तरह की व्यवस्था का जिम्मेवार किसे ठहराया जाए। सबसे ध्यान देने वाली बात तो यह है कि किसी किसी जगह ट्रैफिक पोस्टपर दर्जनों पुलिसकर्मीयो का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन फिर भी आये दिन जाम जैसे स्थिति निर्मित होती है।
अब देखना यह होगा की खबर के बाद प्रभारी की कार्यप्रणाली में सुधार आता है अथवा जैसे चल रहा है वैसे ही चलता रहेगा।
– बिहार से नसीम रब्बानी