नैनीताल बैंक शाखाओं मे कर्मचारियो की हड़ताल, बाधित रही बैंकिंग सेवाएं

बरेली। नैनीताल बैंक को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश की जा रही है। यूनियन और प्रबंधन के बीच चली आ रही लंबी खींचतान के बीच शनिवार को नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया। शहर और देहात मे नैनीताल बैंक की छह शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे करीब 30 हजार ग्राहकों का काम प्रभावित हुआ। हड़ताल में 50 से अधिक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारी संवर्ग की निशा कामथ ने बताया कि नैनीताल बैंक 1922 मे स्थापित एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है, जो ऑफ बड़ौदा के स्वामित्व वाला बैंक है। जिसमें बड़ौदा 98.57 फीसदी हिस्सेदारी रखता है। उनका आरोप है कि वर्ष 2018 से बैंक ऑफ बड़ौदा नैनीताल बैंक के विनिवेश के नाम पर निजी हाथों में देने की कोशिश कर रहा है। बैंक ऑफिसर विष्णु कुमार के अनुसार नैनीताल बैंक के कर्मचारी विनिवेश की स्थिति में सेवा शर्तों के परिवर्तित होने को लेकर चिंतित है। बैंक ऑफिसर संजय सिंह नागरकोटी का कहना है कि 2018 में नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने लोकसभा की याचिका समिति में वाद दायर किया था। जिसके बाद याचिका समिति ने वर्ष 2018 में 59 वीं रिपोर्ट के तहत नैनीताल बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने की संस्तुति दी थी। संसदीय समिति की संस्तुति को दरकिनार कर दोबारा बैंक ऑफ बड़ौदा ने दिसंबर 2022 में नैनीताल बैंक के विनिवेश के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। जिसके तहत नैनीताल बैंक का प्रबंधन कुछ चुनिंदा घरानों को दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान कृति खुराना, सचिन सक्सेना आदि कर्मचारियों ने नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में न देने, याचिका समिति और रिजर्व बैंक की सिफारिश लागू करने, कर्मचारियों और अधिकारियों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करने और डिस इनवेस्टमेंट के नाम पर बैंकिंग लाइसेंस बेचना बंद करने की मांग की। शहर में छोहरा रोड, प्रभात नगर, पवन विहार, फरीदपुर आदि स्थानों पर बैंक शाखाओं में कर्मी हड़ताल पर रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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