निराश हजारों उत्तराखण्डियों ने संसद पर हुंकार रैली कर पीएम से की राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग

नई दिल्ली – उत्तराखण्ड राज्य गठन के 18 वें साल में भी प्रदेश की सरकारें, जनता, आंदोलनकारियों व उ.प्र. सरकार की कौशिक कमेटी द्वारा सर्वसम्मत से तय की गयी ‘राजधानी गैरसैंण’ को प्रदेश की राजधानी घोषित करने में जब अब तक की तमाम सरकारें असफल रही तो उत्तराखण्ड एकता मंच दिल्ली के आवाहन पर आहत उत्तराखण्डियों ने 6 मई को प्रधानमंत्री मोदी से अविलम्ब प्रदेश की राजधानी गैरसैंण को घोषित करने के लिए संसद की चैखट पर विशाल हुंकार रैली का आयोजन किया।
इस हुंकार रैली का शुभारंभ राज्य गठन आंदोलन के अमर शहीदों की स्मृति को नमन करते हुए गगनभेदी शंखनाद से किया। इस हुंकार रैली में देहरादून से आये आंदोलनकारियों ने राजधानी गैरसैंण के समर्थन में जनगीतों को गायन कर संसद मार्ग को गूंजायमान कर दिया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी वादा निभाओं, राजधानी गैरसैंण बनाओं/राजधानी गैरसैंण, गैरसैंण, गैरसैंण/लड़के लेंगें, भीड़ कर लेंगे गैरसैंण गैरसैंण /बाबा मोहन उत्तराखण्डी का बलिदान,अमर रहे अमर रहे आदि के गगनभेदी नारों से संसद मार्ग गूंज उठा।इस अवसर पर प्रधानमंत्री को एक अविलम्ब राजधानी बनाने की मांग का एक ज्ञापन दिया । इस कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखण्ड एकता मंच दिल्ली ने दिल्ली सहित देश प्रदेश में रहने वाले समर्पित उत्तराखण्डियों को एकजूट करके कर संसद की चैखट में उतारने में सफल आयोजन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री का ध्यान आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी की तरफ भी दिलाया गया। तेलांगना राज्य गठन के 4 साल के अंदर ही आंध्र प्रदेश के जनहितों के लिए समर्पित मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी अमरावती बनाने का ऐतिहासिक कार्य किया परन्तु उत्तराखण्ड के जनविरोधी सरकारें जनता द्वारा सर्वसम्मत से तय राजधानी गैरसैंण को घोषित करने का साहस तक नहीं जुटा पा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को उनके द्वारा 2017 को हुए उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के गठन के लिए जनादेश मांगते समय जनता से किये गये ‘अच्छे दिन लाने के वादे को राजधानी गैरसैंण का गठन करके पूरा करने की पुरजोर मांग की। क्योंकि उत्तराखण्डियों के भले दिन तभी आ सकते हैं जब राजधानी गैरसैंण बने। राजधानी गैरसैंण न बनने से प्रदेश के 3000 से अधिक गांव पलायन के कारण उजड़ गये है। जो देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। प्रदेश सरकार के देहरादून में कुण्डली मार कर बैठे रहने से प्रदेश के सीमान्त व पर्वतीय जनपदों से शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, शासन पटरी से उतर गया है। बिना राजधानी गैरसैंण निर्माण के प्रदेश का न चहुंमुखी विकास हो सकता व नहीं देश की सुरक्षा हो सकती।
ज्ञापन में प्रधानमंत्री को इस तत्थ से अवगत कराया गया कि प्रदेश की एकमात्र विधानसभा भवन गैरसैंण में बना है। इसी विधानसभा भवन में 2018 में सरकार ने बजट सत्र, शीतकालीन सत्र व ग्रीष्म कालीन सत्रों के साथ कई बार मंत्रीमण्डल की बैठकें हो चूकी है। यहां पर विधायक निवास सहित तमाम महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण भी हो चूका है। इसके बाबजूद प्रदेश के नेता व नौकरशाह देहरादूनी पंचतारा सुविधाओं में मोह में गैरसैंण को राजधानी घोषित नहीं कर रहे है। जबकि जनता निरंतर राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है।

हुंकार रैली में देहरादून से रैली में सम्मलित होने आये गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के रघुवीर सिंह बिष्ट, सचिन थपलियान,जयदीप सकलानी,आंदोलनकारी संगठन के प्रमुख प्रदीप कुकरेती, राज्य आंदोलनकारी मोहन रावत,लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, पुष्कर नेगी, सत्तीस धौलाखण्डी, पत्रकार प्रदीप सत्ती, सन्न भट्ट, प्रिया चमोला, सूरज भट्ट, अनिल रावत,चण्डीगढ़ से गढ़वाल सभा, उत्तराखंड युवा मंच, उत्तरांचल युवा परिषद के बालादत्त बेलवाल, महिपाल नेगी, उमेश पालीवाल, कुंदन लाल उनियाल, धरमपाल रावत आदि,उत्तराखंड समाज प्रतिनिधि सभा हरियाणा के अध्यक्ष- ओ पी भट्ट अंबाला से और उनकी टीम,क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष- के एल आर्य नैनीताल से, कलाकार मुकेश कठैत,वरिष्ठ पत्रकार व्योमेश जुगरान, सुरेश नौटियाल, खुशाल जीना, सुनील नेगी, वेद उनियाल, अमर चंद, सुषमा जुगरान ध्यानी, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अवतार रावत, खुशहाल सिंह बिष्ट, उत्तराखण्ड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता प्रताप शाही,उत्तराखण्ड राज्य लोक मंच के बृजमोहन उप्रेती, उत्तराखण्ड जनमोर्चा के बृजमोहन सेमवाल, चंद्रशेखर जोशी, सुभाष चैहान, कमल किशोर नौटियाल,बलबीर धर्मवान,गैरसैंण समर्थक राजनैतिक नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरेन्द्र प्रताप, गजेन्द्र चौहान, रालोद के दिप्र महासचिव मनमोहन शाह, आदि भी उपस्थित थे।

-महेंद्र सिंह रावत

-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *