नागल /सहारनपुर – देश में कुपोषण के खात्मे के लिए चलाई जा रही समेकित बाल विकास परियोजनाओं के तहत गांव गांव, मौहल्ले दर मौहल्ले खुले आँगनवाड़ी केंद्र में साफतौर से सेवा शर्तों मे अनुबंध हैं कि केंद्र की सँचालिका एवं सहायिका उसी क्षेत्रों की स्थायी निवासी हो और वहीं निवास करती हो किन्तु प्रायः देखने में आया है कि आँगनवाड़ी केंद्र पर कार्यरत अधिकतर महिलाएं अन्य क्षेत्रों से ही आती जाती हैं जिससे वह अपने कार्य को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पा रही हैं और केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पलीता लगता नजर आ रहा है। इतना सब कुछ करने के बाद भी कुपोषण के मामले बढ रहे हैं इस पर सख्ती से रोक लगाने की जरुरत है।
जानकारी के अनुसार विकास खण्ड नागल मे बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आँगनवाड़ी केन्द्र बहुत ही बुरी हालत में मात्र कागजों में ही चलाऐ जा रहे हैं इतना ही नहीं इनके रिकार्डो में भी काफी गडबडझाला हैं वास्तव में नौनिहालों की संख्या कम है जबकि पुष्टाहार के लालच के चलते कागजात मे संख्या ज्यादा दर्शायी गई हैं। इनकी शिकायत करने बाद भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही आज तक नहीं हो सकी हैं।
– सुनील चौधरी ,सहारनपुर