नारी के वजूद को समाज मे तलाशने की कशमकश दर्शाता नाटक धूप छांव का अंतराल का हुआ मंचन

बरेली। रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा थिएटर अड्डा द्वारा चल रहे 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के 14 वें दिन रंग प्रयास नाट्य मंच हिसार हरियाणा ने “धूप छांव का अंतराल” नाटक का मंचन किया। लेखक एवं निर्देशक लोकेश मोहन खट्टर के इस नाटक में प्रतिभा सिंह के एकल अभिनय ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया कि नारी सशक्तिकरण हमारे समाज के लिए कितना जरूरी है।

नाटक को शुरुआत नेहा नाम की किरदार के साथ होती है। नेहा के जन्म से ही उसके पिता नाराज़ रहते है और उससे बात नही करते क्योंकि उन्हें पुत्र की चाह थी। इसी क्रम मे 15 साल का अंतराल निकल जाता है नेहा के विवाह के बाद फिर वही परिस्थितियां एक बार पुनः अपने आप को दोहराती है जब नेहा एक पुत्री को जन्म देती है। ससुराल के ताने सुनते हुए नेहा फैसला लेती है की वो अपने दम पर अपनी पहचान बना कर समाज को यह साबित करेगी कि औरत होना कोई गुनाह नही है नारी के वजूद को समाज मे तलाशने की प्रक्रिया को नाटक ने सम्प्रेषित किया।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. विनोद पागरानी और पार्षद राजेश अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया।

थिएटर फेस्ट का संयोजन शैलेन्द्र आज़ाद ने किया। कार्यक्रम मे शालिनी गुप्ता, शुभी, अजय गौतम, सुशील, मोहित, सचिन श्याम भारतीय, महेंद्र पाल राही का विशेष सहयोग रहा।

कल अंतिम दिन शाम 7.30 बजे युगांधर थिएटर, बरेली नाटक “राक्षस” लोक खुशहाली सभागार में प्रस्तुत करेगा।

– बरेली से सचिन श्याम भारतीय

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