बरेली। इस्लाम धर्म के मुकद्दस माह रमजान के चांद का रोजेदारों को बेसब्री से इंतजार था। शहर की खानकाहों से लेकर घरों की छतों पर चांद का दीदार करने को लोग मौजूद रहे। मगर चांद के दीदार नही हो सके। वही दरगाह आला हजरत से जुड़ी मरकजी दारुल इफ्ता की रुयते हिलाल कमेटी की तरफ से भी चांद नहीं दिखाई देने की तस्दीक की गई। बताया गया कि अब रविवार को मुकद्दस रमजान का पहला रोजा होगा। दरअसल शुक्रवार शाम मगरिब की नमाज के बाद लोगों ने आसमान में रमजान का चांद देखने की कोशिश की। मगर माह-ए-रमजान के चांद का दीदार नहीं हो पाया।। दिल्ली, लखनऊ और बरेली के आसपास जिलों में चांद देखे जाने की कोई खबर नही मिली। जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव व काजी-ए- हिंदुस्तान के दामाद फरमान मियां ने बताया कि बरेली मरकज पर कही से भी चांद नहीं देखे जाने की तस्दीक हुई है। लिहाजा दरगाह आला हजरत स्थित मरकजी दारुल इफ्ता पर काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती में मरकजी रुयते हिलाल कमेटी की बैठक में ऐलान किया गया कि पहला रोजा 02 मार्च यानी रविवार का होगा। बैठक में मुफ्ती कौसर अली, मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारुखी, मौलाना सैयद अजीम आदि मौजूद रहे। खानकाह-ए-नियाजिया मे खानकाह के प्रबंधक जुनैदी मियां नियाजी की कयादत में अकीदतमंद चांद देखने के लिए जुटे। खानकाही रिवायत के साथ यहां चांद देखने का आयोजन मगरिब की नमाज के बाद किया गया। लेकिन चांद नहीं दिखाई दिया। इस दौरान मौजूद कासिम नियाजी ने बताया कि खानकाह में चांद देखने की पुरानी रिवायत है, चांद देखने के लिए मगरिब की नमाज के बाद बड़ी संख्या में अकीदतमंद जुटे।।
बरेली से कपिल यादव