बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। कस्बा व ग्रामीण इलाके मे मंगलवार को ईद मिलादुन्नबी सादगी के साथ मनाया गया। प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए इस वर्ष भी जुलूस नहीं निकाला गया। इस्लामिक साल के रबी अव्वल माह की 12 तारीख को हजरत मोहम्मद सल्ल अलैही व-सल्लम की पैदाइश का जश्न मनाया जाता है। ईद मिलादुन्नबी का जश्न अहले सुबह फज नमाज के बाद शुरू हुआ। वहीं सलातो सलाम पेश किये गये। समाज व देश की तरक्की व खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गयी। कई जगह कुरआन खानी, मिलाद शरीफ की महफिले हुई। सुबह से ही मुस्लिम मुहल्लों में नात बज रहे थे। मुबारक हो मुबारक हो जश्ने ईद मिलादुन्नबी…, मेरे सरकार आये हैं… पत्ती-पत्ती फूल-फूल, या रसुल या रसुल… , हर गली महकती है। हर मकां महकता है, कौन आनेवाला है, कुल जहां महकता है… फिजा में गूंज रहा था। हजरत पैगंबर की जयंती के अवसर पर लोगों ने अपने घरों को रोशन किया। आतिशबाजी भी की जाती है। हालांकि इस साल भी कोरोना के कारण जुलूस नहीं निकाला गया है। यहां हर साल ईद मिलादुन्नबी पर जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाता है जिसमें बेशुमार भीड़ रहती है लेकिन इस साल भी कोरोना के कारण जुलूस नहीं निकाला गया। नमाज के दौरान मस्जिदों में मुल्क मे अमन चैन भाईचारा बने रहने और कोरोना वायरस के संक्रमण खत्म होने की दुआ की गई। हुजूर की पैदाइश के समय पूरब-पश्चिम और काबे की छत पर तीन झंडे गड़े हुए थे। अकीदतमंदों ने अपने-अपने घरों, दुकानों और मोहल्लों में झंडा इसी याद को ताजा करने के लिए लगाया। सुरक्षा के मद्देनजर थाना प्रभारी राहुल सिंह, चौकी प्रभारी दुष्यंत गोस्वामी व एसआई नरेंद्र सिंह दल वल के साथ मुस्तैद रहे।।
बरेली से कपिल यादव