बरेली। छठ महापर्व शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। महिलाओं ने सुबह उठकर घरो की साफ-सफाई की। साथ ही नदियों में स्नान कर छठ मईया का आह्वान किया। सुबह से ही लोगों के घरों में छठ मईया के गीत बजने शुरू हो गए। छठ पूजा बहुत ही शुद्धता का पर्व है इसलिए पहले दिन महिलाओं ने अपने घरों की अच्छी तरीके से सफाई की। महिलाओं ने स्नान करने के बाद घरों में चने की दाल, लौकी, चावल बनाए, जिन्हें व्रती ने पूरे परिवार के साथ ग्रहण किया। रविवार को खरना में शाम को गुड़ मे साठी के चावल की खीर, पूड़ी का प्रसाद बनाया जाएगा। जो परिवार के साथ अन्य लोगों में वितरित किया जाता है। खरना वाली शाम को महिलाएं उस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती है। वही डिफेंस कॉलोनी के रहने वाले दयानंद ओझा रेलवे विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी है। वह वैसे आरा के रहने वाले है, लेकिन वह बरेली के निवासी बन गए है। उन्होंने बताया कि हमारे घर में आज भी पुराने रीति रिवाज के हिसाब से ही छठ पूजा की जाती है। नहाय खाय में उनके घर में चूल्हे पर मिट्टी के बर्तनों मे ही खाना पकाया गया। जिसे पूरे परिवार के सदस्यों ने ग्रहण किया। पूजा के लिए उपयोग होने वाले अनाज को भी घर पर चकिया से पीसा गया था। जिससे पूजा में पूरी शुद्धता बनी रहे। उन्होंने बताया कि खरना में भी सारा प्रसाद चूल्हे पर मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव
