रेउसा/ सीतापुर – नव वर्ष की पूर्व संध्या पर नववर्ष एकता समिति रेउसा के पदाधिकारियों द्वारा रेउसा बिसवां मार्ग पर भट्ठा मैदान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व विधायक एवं नववर्ष एकता समिति के संरक्षक महेंद्र कुमार सिंह झीन बाबू द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।झीन बाबू ने उपस्थित जनसमुदाय को नववर्ष की बधाई देते हुए उनके मंगलमयी जीवन की कामना करते मंहगाई, बेरोजगारी भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में सहयोग करने की जनता से अपील की ।
कवि सम्मेलन की शुरुआत कवयित्री हिना आरज़ू द्वारा मां सरस्वती की वंदना मातु शारदे वर दे मैं तो शीष नवाने आयी हूँ ,आशीषों से झोली भर दे शब्द पुष्प मैं लाई हूँ ,से हुई । इसके बाद उन्होंने खूबसूरत ये शाम कर दूंगी दिल को तेरे ही नाम कर दूंगी, तू जो सोने का है व्यापारी तो तेरा सोना हराम कर दूंगी ।सहित अनेक सौंदर्य गीत पढ़कर श्रोताओं की तालियां बटोरीं । रात्रि ग्यारह बजे तक चले इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में पधारे कवि प्रमोद पंकज ने हास्य व्यंग्य के चुटीले शब्द वाणों से मंहगाई पर निशाना साधते हुए अक्कड़ बक्कड़ बम्बी बोल ,नब्बे डीजल सौ पेट्रोल
सौ में लागा धागा उछल सिलेंडर भागा सहित अनेक पैरोडी सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया । लखीमपुर खीरी से पधारे कवि फारूक सरल ने बून्द बूंद से गहरा सागर बनता है ऊंचा पर्वत कण कण में बनता है । तिनके का कुछ अलग नहीं अस्तित्व मगर ,तिनका तिनका जोड़के छप्पर बनता है ।फिर श्रोताओं की फरमाइश पर बताओ रमजानी अब का करिहौ चली गई प्रधानी अब का करिहौ ।सहित कई हास्य व्यंग्य एवं मार्मिक गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । कवि सम्मेलन का संचालन नीरज पांडेय ने किया ।कवि सम्मेलन व मुशायरे में जगजीवन मिश्रा, कनक तिवारी व विशेष शर्मा, तारिक बहराइची,माहताब तंबौरी द्वारा काव्य पाठ किया गया।
कार्यक्रम के समापन में कवि कनक तिवारी द्वारा अतिथि सहित आयोजकों व युवाओं के साथ गाए गए गीत लोगों के लिए यादगार बन गये।
कार्यक्रम में दिनेश प्रताप सिंह, तौकीर अहमद अल्लन, दीपेंद्र प्रताप (पवन सिंह, )रिजवान अहमद, रामेश्वर सुमन, गुंजन यज्ञसैनी धर्मेंद्र पोरवाल अमरेंद्र मिश्रा प्रदीप सिंह अमन श्रीवास्तव चमन पोरवाल जोधा सिंह रफीक अहमद आशीष कुमार दीक्षित ,व नववर्ष एकता समिति के पदाधिकारियों के साथ साथ हजारों क्षेत्रीय श्रोतागण मौजूद रहे।
– रामकिशोर अवस्थी,सीतापुर
