बरेली। नगर निगम बोर्ड बैठक में शनिवार को 833 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। इस दौरान जलकर, गृहकर, संपत्ति कर, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, नगर निगम की नई बिल्डिंग, आवारा कुत्ते-बंदरों के बढ़ते आतंक सहित कई मुद्दों पर पार्षदों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। बैठक की अध्यक्षता मेयर डॉ. उमेश गौतम ने की जबकि सांसद छत्रपाल गंगवार भी पदेन सदस्य के रूप में उपस्थित रहे। बोर्ड ने हर वार्ड के लिए 1-1 करोड़ रुपये की विकास निधि स्वीकृत की। बैठक की शुरुआत में नगर निगम के नए कार्यालय भवन को लेकर तीखी बहस हुई। सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने आरोप लगाया कि भवन निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि नई बिल्डिंग में गुणवत्ता की अनदेखी की गई। छत टपक रही है, प्लास्टर गिर रहा है। पिछली बैठक में नई बिल्डिंग में बैठक कराने की बात कही गई थी, लेकिन फिर से पुरानी बिल्डिंग में ही बैठक हो रही है। आवारा कुत्तों और बंदरों से जनता को हो रही परेशानी का मुद्दा जोर-शोर से उठा। पार्षदों ने नगर निगम पर जानवर पकड़ने के अभियान में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। 30 वार्डों में सफाई का ठेका निजी कंपनियों को दिया गया। रात की सफाई और सड़कों की सफाई के लिए अलग बजट निर्धारित किया गया। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और ट्रंचिंग ग्राउंड तक कूड़ा पहुंचाने के लिए निजी एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई। नगर निगम ने पार्कों की देखरेख, डिवाइडर पर पौधे लगाने और टूटे पेड़ों को हटाने के लिए बजट बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया। शहर के 80 वार्डों में 1-1 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई। कच्ची गलियों को पक्का किया जाएगा। जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण होगा। शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सीवर लाइन की सफाई, कूड़ा प्रबंधन, नए वाहन खरीद, मलिन बस्तियों के विकास और तालाबों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान दिया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव