बरेली। बिजली मीटर को विभाग के अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए उपभोक्ताओं से वसूली की जा रही है। अधिकारियों से शिकायत किए जाने पर उपभोक्ताओं को महीने टहलाया जाता है। बिजली विभाग में मीटर बदलवाने के बाद अभिलेखों में दर्ज कराने के नाम पर उपभोक्ताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उसके बाद चढ़ावा चढ़ाए बिना मीटर विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पाता। इसके लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं। जिस वजह से दर्जनों उपभोक्ताओं के मीटर अभिलेखों में दर्ज नहीं हो सके। सरदाना विद्युत उपकेंद्र पर फालतूनगंज की रहने वाली पूर्णिमा सिंह का कहना है कि उन्होंने आठ माह पहले अधिक रीडिंग आने पर मीटर बदलवाया था। मीटर बदलवाने पर एक पर्चा दिया गया था। जिस पर पिछली रीडिंग सहित कई प्रविष्टियां अंकित थी। जिसे लेकर वह शाहदाना उपकेंद्र पहुंची तब बताया गया कि 15 दिन बाद आना। 20 दिन बाद पहुंची तब संबंधित कर्मचारी ने पांच हजार की मांग करते हुए कहा कि मीटर की जांच रिपोर्ट आने के बाद विल की रकम को एडजस्ट करना पड़ेगा। एक एक माह करके आज आठ माह का समय बीत गया। विल एरियर सहित 80 हजार का बन रहा है अब संबंधित लिपिक का कहना है कि 20 हजार दो। सिक्लापुर के रहने वाले सुरेंद्र मोहन का कहना है कि उनके पास एक कमरे में बिजली का उपयोग होता है। जिसका एक महीने का बिल उन्नीस सौ रुपए आता है। जिसके लिए उन्होंने मीटर को बदलवाने के लिए निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया। विभाग द्वारा मीटर तो बदल दिया गया। उसके बाद मीटर की जांच रिपोर्ट आने के बाद बताया गया कि मीटर से छेड़खानी की गई थी। जिसकी वजह से मीटर अपनी निर्धारित से अधिक तेज दौड़ने लगा। जब सब काम काफी भागदौड़ करके निपटे। अब नए मीटर को अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए दो हजार की मांग की गई। जिसे भी जल्द देकर काम निपटाया जाएगा।
मीटर बदलने की पर्ची विभाग के अभिलेखों में दर्ज कराना अनिवार्य है। जिससे सभी अभिलेखों में बदलाव किया जा सके। उपभोक्ताओं से यदि इसे लेकर वसूली की जा रही है तो जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
– तारिक मतीन मुख्य अधिशासी अभियंता बरेली
बरेली से कपिल यादव