नए गन्नापेराई सत्र जोर शोर से शुरू पर पिछले वर्ष के गन्ना भुगतान के लिए आज भी तरस रहे गन्ना किसान

नागल/ सहारनपुर- जनपद की चीनी मिलों में आगामी नए गन्नापेराई सत्र जोर शोर से शुरू हो गई है। लेकिन पिछले वर्ष के गन्ना भुगतान के लिए गन्ना किसान आज भी तरस रहे हैं। नये पेराई सत्र में बजाजचीनीमिल गाँगनौली ने अब तक 11 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई कर दी है, जिसकी कीमत 38.50 करोड़ रुपये बैठतीं हैं।अकेले बजाज ग्रुप की गाँगनौली चीनी मिल पर गन्ना किसानों का पिछले वर्ष का 196 करोड़ रुपया गन्ना मूल्य बकाया है। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,गन्ना एवं चीनी मिलें कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, गन्ना राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार अपनी नियमित गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा बैठक में लगातार गन्ना विभाग को निर्देशित कर रहे हैं, कि नए गन्नापेराई सत्र से पहले सभी चीनी मिलें बकाया गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान कर दें । लेकिन यह सब आदेश -निर्देश हवा हवाई साबित हो रहे हैं। जनपद की बजाज चीनी मिल गाँगनौली का गन्ना मूल्य भुगतान अन्य मिलों से बहुत पीछे चल रहा है ।जबकि राजस्व प्रशासन ने बजाज चीनी मिल गाँगनौली का प्रशासनिक भवन एवं अतिथि गृह 1नवबंर को गन्ना मूल्य भुगतान नहीं करने पर सीलबंदी की कार्यवाही कर भुगतान के लिए दस दिन का समय दिया था जिसके बीत जाने के बाद 15 नवबंर को बजाजचीनीमिल गाँगनौली के गोदामों को भी सीलबंदी कर कुर्की करने की चेतावनी दी है। खेद का विषय है कि पिछले वर्ष के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के बारे में अपना कोई प्लान गन्ना विभाग को अभी तक बजाज प्रबंधन ने नहीं सौंपा है।बजाजचीनीमिल के बैंक खाते एनपीए हो गए हैं, इस बात को लेकर बजाजचीनीमिल क्षेत्र गाँगनौली के गन्ना किसानों को अपना गन्ना मूल्य भुगतान फँसता नजर आ रहा है। जनपद में गत सीजन में चीनी मिलों ने 1 नवंबर से 12 नवंबर के बीच पेराई सत्र शुरू कर दिया था। इस साल भी 31 अक्टूबर को सबसे पहले बजाजचीनीमिल गाँगनौली ने पेराई शुरू कर दी थी।बजाजचीनी मिल गाँगनौली में नए पेराई सत्र 22-23 को चलते हुए सत्रह दिन बीत चुके हैं जिसमें चीनीमिल ने लगभग 11लाख कुन्तल गन्ने की पेराई कर दी है, जिसकी कीमत 38.50 करोड़ रुपये इस साल के गन्ना मूल्य के बजाजचीनीमिल गाँगनौली पर बकाया राशि हो गई हैं, जिसका एक रुपया भी अभी तक भुगतान नहीं किया गया है । जबकि देवबंद की त्रिवेणी शुगर्स मिल ने इस साल का 11करोड़ 66 लाख रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया है।जनपद सहारनपुर में इस बार गन्ने का क्षेत्रफल 1. 21
लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल है ,उक्त जानकारी डॉ आर डी द्विवेदी जिला गन्ना अधिकारी ने दी है। बजाज चीनी मिल गाँगनौली के गन्ना महाप्रबंधक अनिल चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष का गन्ना मूल्य भुगतान 188. 56 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान बजाज चीनी मिल यूनिट गाँगनौली द्वारा कर दिया गया है। 20 जनवरी 2022के बाद का लगभग 127 करोड़ रुपये व ब्याज सहित 196 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बजाज चीनी मिल गांगनौली पर किसानों का शेष बकाया है,ओर इस नये गन्ना सत्र मे भी 38.50 करोड़ रुपये का 11लाख कुन्तल गन्ना पेराई कर दिया है। किसानों के गन्ना मूल्य के अलावा ब्याज की राशि अलग से बकाया हैं। जनपद में कुल 6 चीनी मिल चालू हालत में है, जबकि एक चीनी मिल टोडरपुर इस साल देर से चलने की संभावना है। अपने गन्ना मूल्य को लेकर गन्ना किसान बहुत परेशान हैं। किसान सुभे सिंह मलिक,सन्दीप नौसरान, अशोक कुमार फौजी,मनीष मलिक, अमनसिँह, अक्षय नौसरान, भूपसिंह ने बताया कि कम बारिश का असर गन्ना और धान सहित अन्य फसलों पर पड़ा है। सुनील चौधरी ने बताया कि जनपद में औसत से कम बरसात हुई है ,किसान सूखे की मार झेल रहा है वहीं सरकार चीनी मिलों से बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने में कोताही बरत रही हैं।उन्होंने कहा कि यह अन्याय किसान सहन नहीं करेगा, यदि समय रहते बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया तो किसान आन्दोलन भी कर सकते हैं।सुनील चौधरी ने प्रदेश के गन्ना मन्त्री चौ.लक्ष्मीनारायण, गन्ना राज्यमंत्री सँजयसिँह गँगवार, गन्ना आयुक्त/एवं गन्ना सचिव सँजय भूसरेड्डी को गन्ना मूल्य भुगतान हेतु लिखित रूप से मिलकर अवगत भी कराया था लेकिन आज तक गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया।उन्होंने बजाजचीनीमिल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर तँग किया गया तो बजाजचीनीमिल एवं डिस्टलरी पर ताला डालकर आंदोलन किया जाएगा।जिसकी जिम्मेदारी बजाजचीनीमिल प्रबंधन की होगी। इसके अलावा आशीष नौसरान, बिजेंद्र काला, रमेश वालिया, अर्जुन वालिया, अमरीश मलिक, मनीष कुमार, प्रमोद नौसरान, विक्रांत आदि ने भी सरकार से बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करायें जाने की मांग की है। अब देखना है कि सरकार किसानों की इस मांग पर कितना ध्यान दे पाती है। या पिछले वर्ष की तरह इस बार भी गन्ना मूल्य भुगतान के लिए केवल आशवासन ही देकर बहलाने का कार्य किया जाता हैं, यह भविष्य के गर्भ में है।

– सहारनपुर से सुनील चौधरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *