बाड़मेर/राजस्थान- औधोगिक नगरी दुबई बनने वाले बाड़मेर जिले में आजकल जिले की खनिज सम्पदा से करोड़ों अरबों रुपयों से हर महीने अपना खजाना भरने वाले औधोगिक घरानों का सी एच आर फड सिर्फ ओर सिर्फ अखबारों की सुर्खियों बटोरने के लिए या फिर मशहूर होने के लिए कोरा दिखावा करने के नाम पर बदरबाट किया जाता है और अपने थोथी वाहवाही बटोरने से ज्यादा कुछ नहीं है कारण राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करने वाले आयोजकों द्वारा खाली कटोरा लेकर मिन्नते करने के बाद भी जिले की खनिज पदार्थों से अरबों रुपयों की रायल्टी वसूलने वाले औधोगिक घरानों का खिलाड़ियों के लिए उनके दिल नही पसीजा यह बात आजकल चर्चाओ के बाजार में सर्दियों के मौसम में लगातार गरमाई जा रही है।
ज्यादातर जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में अपनी पहचान बढ़ चढ़ कर टोपियां दिखाने – बताने वाले अधिकारियों ओर कर्मचारियों के आगे पिछे खडे होकर अखबारों में फोटो छपवाने वाले औधोगिक घरानों को जिला मुख्यालय पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन करने में कोई खास रूचि नहीं लेना शहर के जागरूक लोगों में आजकल टीका टिप्पणी होने लगी है।
जिला मुख्यालय पर 65 वी राज्य स्तरीय एथलीट्स प्रतियोगिता का कल आदर्श स्टेडियम बाड़मेर में आयोजन होने जा रही है l राज्य के विभिन्न जिलों से खिलाड़ियों के लगभग तीन दर्जन से ज्यादा दलों में लगभग दो हजार खिलाड़ी बाड़मेर पहुंच चुकें है ओर उनके खाने पीने, ठहरने ओर अन्य व्यवस्थाओं के लिए आमजन में भामाशाह के नाम से मशहूर कैलाश कोटडिया फरिश्ते की तरह खिलाड़ियों के लिए आगे आए ओर बढ चढ कर सहयोग करने का विश्वास दिलाया ।
आयोजन मडल द्वारा कैलाश कोटडिया की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए बताया कि खिलाड़ियों के लिए उचित समय पर सहयोग करने वाले कोटडिया का बच्चों पर आशिर्वाद है जो देवदूत बनकर खेलकूद प्रतियोगिता में सहयोगियों के लिए सहारा बने अन्यथा औधोगिक घरानों के भरोसे यह खेलकूद प्रतियोगिता का बेड़ा गर्क होता ओर दूसरी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अक्सर सुनने को मिलता की बाड़मेर जिले जैसा कोई सी एच आर फड नहीं ढूढना हमारे देश के भावी खिलाड़ियों के लिए जो देश के लिए मेडल जीतकर लाएंगे…. ?
– राजस्थान से राजूचारण