दो दिवसीय जनपद स्तरीय औद्यानिक कृषक संगोष्ठी एवं मेला का समापन

वाराणसी/रोहनियां – उद्यान विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत दो दिवसीय औद्योनिक संगोष्ठी एवं मेला दूसरे दिन राजातालाब पेरिशेबल कार्गो सेंटर में आयोजित किया गया। बड़ी संख्या में किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने किसानों को जैविक खेती के साथ उनके द्वारा उद्यान रोपण की नवीन विधि की जानकारी देते हुए जनपद में अमरूद,बेर, बेल, नीबू, आंवला रोपण पर विशेष जोर दिया गया। नीबू के कैंसर रोग की रोकथाम के लिए जैविक दवाओं पर प्रकाश डाला गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 बीके सिंह द्वारा कम पानी का प्रयोग कर खेती करने के उपाय बताये। उनके द्वारा ड्रिप, स्प्रिंकलर के स्थापना पर अनुदान एवम उसके प्रयोग की विधियों पर बताया गया।आई आई वी आर वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ0 डी भारद्वाज ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रसंस्करण के मानकों के अनुसार खेती किये जाने पर ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सर्वोत्तम मूल्य ही प्राप्त करने के बारे में बताया।कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ रश्मि सिंह ने खाद्य प्रसंस्करण के बारे में बताया कि खेती के अतिरिक्त फलों का प्रयोग आचार, जैम तथा सॉस बनाने में किया जाता है, इसके प्रशिक्षण से घर पर ही अपना व्यवसाय किया जा सकता है। खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र वाराणसी के प्राचार्य भुमेंश्वरी गौतम द्वारा किसान क्लब की स्थापना के संबंध में चर्चा करते हुए किसानों से अनुरोध किया कि वह गांव-गांव में प्रसंस्करण के किसान क्लब की स्थापना करायें जिससे व्यापार हेतु बैंक से लोन मिलने में सहूलियत रहती है। मेला में चित्र प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों तथा जनकल्याणकारी योजनाओं का सचित्र वर्णन किया गया।काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ जसमीत सिंह द्वारा घर के आस पास मिलने वाले पौधों का औषधीय प्रयोग कर अधिकतर रोगों का उपचार किये जाने के बारे में बताया गया।पीपल, पाकर, गूलर, बरगद, नीम के काढ़े से शुगर जैसी बीमारी नियंत्रित की जा सकती है। नरेंद्रदेव कृषि विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ रमेश प्रताप सिंह द्वारा मधुमक्खी पालन के कार्य से उत्पादन में 25 से 30% की वृद्धि के साथ परिवार में कम से कम 10 बॉक्स से ₹30000 की अतिरिक्त आय के बारे में भी बताया गया। सेवानिवृत्त कृषि रक्षा वैज्ञानिक डॉ राम सागर त्रिपाठी द्वारा किसानों को संवाद करते हुए उनके पौधों के रोगों के बारे में रासायनिक दवाओं का न्यूनतम उपयोग तथा नीम आधारित दवाओं एवं जैविक पद्धति से रोकथाम के बारे में बताया गया ।इसके अतिरिक्त उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, मृदा, कृषि, बाल विकास, समाज कल्याण व नेडा सहित विभिन्न विभागों द्वारा अपने-अपने विभागीय स्टॉल लगाकर योजनाओं के बारे में किसानों को बताया गया। इस अवसर पर अपर उद्यान अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने दो दिवसीय मेला आयोजन के सफल संचालन के लिए दूर-दराज से आये किसानों एवं विभागीय अधिकारी, कृषि वैज्ञानिकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्त उद्यान वैज्ञानिक अनिल कुमार सिंह ने घाघ के दोहों के साथ अत्यंत उपयोगी जानकारी बीच बीच में कृषकों को देते हुए किया। संगोष्ठी एवं मेला में उपस्थित लगभग पांच सौ से अधिक किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमें से कई किसानों द्वारा समस्याओं के संबंध में प्रश्न पूछे गये, जिस पर विभागीय अधिकारियों द्वारा उनके प्रश्नों का उत्तर देकर संतुष्ट किया गया। इस अवसर पर डॉ गोविंद मिश्र, उधान निरीक्षक अनुराग कुमार सिंह ने अपने योजनाओं मशरूम उत्पादन पर बताया। समापन कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि आराजी लाइन ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ महेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि किसान उद्यान विभाग से बागवानी, शाकभाजी, फूलों की खेती में नवीनतम तकनीकी को अपनाकर अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। साथ ही ज्यादा लाभ प्राप्त कर आर्थिक रूप से समृद्धि हो सकते हैं। उन्होंने किसानों से अपील किया कि ज्यादा से ज्यादा कृषक विभाग से जुड़कर योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। अंत मे जल ही जीवन है के नारे के साथ सभी को जल संचयन के लिए जिला उद्यान अधिकारी द्वारा शपथ दिलाते हुए धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।

रिपोर्ट:- राजकुमार गुप्ता वाराणसी

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