सीबीगंज, बरेली। जनपद के थाना सीबीगंज क्षेत्र मे छेड़छाड़ का विरोध करने पर शोहदों द्वारा ट्रेन के आगे फेंक देने पर अपने दोनों पैर व एक हाथ गवां चुकी इंटर की एक छात्रा ने कर दिखाया है। दोनों पैर और एक हाथ न होने के बावजूद भी उसने हार नही मानी और उसने इंटर की विज्ञान वर्ग से परीक्षा दी और 67 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। सीबीगंज के बादशाहनगर की रहने वाली प्रिया और उनके परिवार के लिए शनिवार का दिन खुशियां लेकर आया। रिजल्ट घोषित हुआ तो प्रिया के साथ ही परिजनों की आंखें भी नम हो उठी। चंद्र प्रकाश मेमोरियल इंटर कॉलेज फतेहगंज पश्चिमी से प्रिया ने फर्स्ट डिवीजन में इंटर की परीक्षा पास की। हालांकि प्रिया अपने नंबरों से खुश नही थी। रिजल्ट देखकर बोली, यदि पढ़ाई के लिए थोड़ा और समय मिलता तो वो टॉप करतीं। यह कहते-कहते प्रिया के चेहरे का रंग बदलने लगा। मानो उस मनहूस दिन का एक-एक दृश्य उसकी आंखों के सामने से गुजरने लगा हो। पिछले साल 10 अक्टूबर 2023 को प्रिया के साथ जो घटना घटी, उसने उनका जीवन ही बदल दिया। ट्रेन के सामने आने के बाद उनके बचने की उम्मीद बेहद कम थी। डॉक्टर भी दबी जुबान में इस बात को स्वीकार रहे थे। बस, प्रिया की इच्छाशक्ति थी जो उसने हिम्मत नही हारी। दोनों पैर और बायां हाथ कटने के बाद भी उसके मन के अंदर जीवन की रोशनी थी। डॉक्टरों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। आखिर तीन महीने बाद वो अस्पताल से लौटी। लौटते ही पेपर की तारीख आ गई। मां-बाप तो पेपर के बारे में सोच भी नहीं रहे थे। बस, प्रिया की जिद थी कि हर हाल में परीक्षा दूंगी। मन और तन के दर्द के बीच प्रिया कॉपी-किताबों में खो गईं। रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई की। इस बीच तमाम दवाएं, इंजेक्शन भी चल रहे थे। शारीरिक-मानसिक पीड़ा प्रिया को तोड़ने की कोशिश कर रही थी। प्रिया टिकी रही। डटी रही। अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ती रही। शनिवार को प्रिया की तपस्या का फल मिला। प्रिया अब स्नातक में प्रवेश लेगी। उसका सपना आईएएस अधिकारी बनकर समाजसेवा करने का है। वो दिव्यांगों और महिलाओं-बेटियों के जीवन में उजियारा लाने के लिए काम करना चाहती है। प्रिया का प्रकरण अभी भी कोर्ट में चल रहा है। शनिवार को प्रिया की मां के कोर्ट में बयान हुए। रिजल्ट आया तो माता-पिता दोनों कचहरी थे। प्रिया ने पिता को फोन किया। कहा, पापा, मम्मी से बात कराओ। मेरे 67 प्रतिशत अंक आए हैं। मैं पास हो गई हूं।।
बरेली से कपिल यादव