बरेली। तंग संकरी गलियों में सरकारी राशन की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचने मे होने वाली समस्या के साथ ही आम जनता को होने वाली दुश्वारियों का संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने ऐसी दुकानों को सुगम स्थलों मे नई दुकानों मे शिफ्ट करने का आदेश जारी किया है। इन दुकानों तक आम लोगों की पहुंच आसान करने के साथ ही खाद्यान्न ले जाने वाले वाहन भी दुकानों तक सीधे पहुंच सके। इसके लिए मंडलायुक्त बरेली व संभागीय खाद्य नियंत्रक, बरेली संभाग द्वारा विकसित कराए गए मॉड्यूल के आधार पर दुकानों को विकसित किए जाने का सुझाव दिया गया है। आपको बता दे कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 24(2)(ए) मे यह व्यवस्था दी गई है कि प्रदेश सरकार सब्सिडाइज्ड दरों पर खाद्यान्न केंद्र सरकार के नियत गोदामों से प्राप्त कर अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से उचित दर की दुकानों (राशन दुकानों) तक डोर स्टेप डिलीवरी कराएगी। संकरी गलियों में दुकानें होने से आ रही समस्या के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। खाद्यान्न के डोर स्टेप डिलीवरी के सिंगल स्टेज व्यवस्था के अंतर्गत खाद्यान्न के वाहनों का उचित दर दुकान तक सुगमतापूर्वक पहुंचना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन उचित दर विक्रेताओं की दुकानें संकरी गलियों में अवस्थित होने के कारण खाद्यान्न के वाहन सुगमतापूर्वक नही पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही आम जन-मानस को खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए दुकान तक पहुंचने में कठिनाई होती है। ऐसी स्थिति में पूर्व मे जारी आदेश में ये व्यवस्था दी गई है कि ग्रामीण क्षेत्रों मे ग्राम सभाएं तथा शहरी क्षेत्रों मे नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, नगर निगम अपने आर्थिक स्रोतों, मनरेगा आदि योजनाओं से राशन की दुकानों का निर्माण करेंगे। ये निर्माण ग्रामीण क्षेत्र मे यथासंभव पंचायत भवन एवं शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक भवनों के नजदीक स्थान की उपलब्धता के आधार पर किए जाने चाहिए। बरेली मे इस मॉडल पर उचित दर राशन दुकानें निर्माणाधीन है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे प्रदेश भर मे लागू किये जाने हेतु निर्देशित किया है। गौरतलब है कि इस संबंध में भारत सरकार ने भी उत्तर प्रदेश के इस बरेली मॉडल को देश के समस्त प्रदेशों व केन्द्र शासित प्रदेशों मे प्रसारित कर इसे लागू करने हेतु निर्देशित किया है।।
बरेली से कपिल यादव