आजमगढ- देश में गंगा जमुनी तहजीब हमेशा से हमारी पहचान रही है,यहां की मिट्टी गवाह है कि जब भी देश और देश की जनता के सामने कोई मुश्किल आयी है हर धर्म साम्प्रदाय के लोगों ने बढ़ चढ़ कर उसका सामना किया है। इस देश के लिए सरदार भगत सिंह अगर शहीद हुए हैं तो अशफाकुल्लाह खान ने भी अपनी जान देकर देकर देश को आजाद कराया। वीर अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान 6 टैंकों को तोड़ कर देश की रक्षा की थी। यह बातें प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने दीदारगंज क्षेत्र के कंवरा गहनी में सर सैयद एजुकेशनल सोसायटी के तत्वावधान में पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती समारोह के अवसर पर 14 वां आल इंडिया मुशायरे में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि देश भक्ति के लिए किसी से प्रमाण पत्र लेने के की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ये देश हम सब का है। मुशायरे का उद्घाटन करते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि उर्दू जबान की हमेशा से साझी विरासत रही है लेकिन अफसोस उर्दू जबान को मुसलमानों के नाम से जोड़ दिया गया और नफरतों के नाम पर इंसान को मारकर इंसान फिल्म बना रहा है खुद के फायदे के नाम पर लोग जानी दुश्मन बने हुए हैं। ऐसे में इस तरह के मुशायरे दिलों को जोड़ने का कार्य करते हैं। मोहम्मद अदीब ने कहा कि मैं स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा से बड़ा सेक्युलर लीडर किसी को नहीं देखा। मुशायरे की संरक्षक कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि मेरे पिता ने राजनीति को कभी कारोबार नहीं समझा वो पूरी उम्र लोगों की सेवा करते रहे और उन्ही के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मैंने भी हमेशा अपना मकसद माना है, जब भी विकास के नाम पर मुझसे कुछ मांगा गया मैंने हमेशा पूरा किया है और आने वाले दिनों हमेशा करती रहूंगी। मुशायरा कमेटी ने मेहमानों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब, कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य,पत्रकार हाजी जियाउद्दीन को सम्मानित करते हुए शाल, वृक्ष व मोमेंटो भेंट किया। मेहमानो ने दीप प्रज्वलित कर मुशायरे का शुभारंभ किया संचालन मोइन शादाब और अध्यक्षता जेड के फैजान ने किया। शादाब आजमी के त ए पाक से मुशायरे की शुरुआत हुई जो रात भर चलता रहा। मुशायरे की चन्द पंक्तियां श्रोताओं के लिए पेश की गई नज्मो में मेरे खुदा मेरा इतना सा काम हो जाए,नबी के चाहने वालों में नाम हो जाए,शादाब आजमी, मुझको बचपन की कोई निशानी दे दे,मां के आंचल की नींद सुहानी दे दे- आनन्द श्रीवास्तव (डीपीआरओ), अख्तर आजमी, गुलेसबा,आजाद प्रतापगढ़ी,मुमताज आलम रिजवी, हसन काजमी,नाजिल तमाम,कौमों पर जमील खैराबादी,इसके अलावा मैकश आजमी,शाइस्ता सना,डा.शहरयार जलालपुरी, हाशिम फिरोजाबादी,विकास बौखल,अय्यूब वफा,सज्जाद झंझट रिफात जमाल अल्ताफ जिया,आदि ने अपनी कविताएं सुनाकर श्रोताओं का मनमोह लिया। इस अवसर पर आरिफ प्रधान,इसरार अहमद,अनीस अहमद, हिदायतुल्लाह,परवेज कलानी फैसल दानिश खान,सिकंदर खान पूर्व विधायक इरशाद अहमद, आदि उपस्थित रहे। आखिर में संयोजक साजिद खान आजमी ने स्व.बहुगुणा जी की जीवन पर प्रकाश डालते हुए आए हुए हजारों आंगतुको का धन्यवाद किया।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़