राजस्थान/बाड़मेर- बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के सासद उम्मेदा राम बेनीवाल बाड़मेर जिला मुख्यालय से पत्रकारों का एक दल लेकर संसद भवन पहुंचे और भारतीय संसद भवन को देखकर आश्चर्यचकित हुआ कारण जिदंगी मे पहली बार इतनी नजदीकी से देश की सबसे बड़ी पचायत में घूम कर पूरा दिन बिताया और यादगार लम्हों को अपने केमरे में कैद किया, सुरक्षा देखकर लगता है। हमारे देश की चौकन्ने होकर कर्तव्य निभा रही सेनाओं की निगाहों से कोई परिन्दा भी पर नहीं मार सकता है।
भारतीय संसद भवन की सुरक्षा में पहले सीआरपीएफ के जवान तैनात रहते थे, लेकिन संसद की सुरक्षा में कोई चूक ना हो इसके लिए बड़ा बदलाव किया गया और केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई। संसद में तैनात जवानों को खास ट्रेनिंग दी गई है और यहां पर सीआईएसएफ के करीब पच्चीस सौ जवानों की तैनाती है।हालांकि इस फोर्स के अलावा संसद की अपनी पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी भी हमेशा यहां मौजूद रहती है जिसका काम देश के सांसदों की पहचान करना और आंतरिक सुरक्षा का खयाल रखना होता है। जिन जगहों से सांसद और केंद्रीय मंत्री एंट्री करते हैं वहां सीआईएसएफ के बड़े अधिकारियों के साथ पार्लियामेंट्री सिक्योरिटी के जवान भी तैनात रहते हैं।
ससद भवन का निर्माण 1921 – 1927 के दौरान किया गया था। भारतीय संसद भवन को सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। संसद भवन की नींव 1921 में ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी। इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने 1927 में पूरा होने के बाद किया था। पुराने भवन की उम्र बढ़ने के कारण, 2010 के दशक की शुरुआत में पुराने भवन के स्थान पर एक नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव सामने आया। 2019 में, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत भारत सरकार द्वारा एक नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया था । इसका उद्घाटन 28 मई 2023 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था । नए भवन का पहली बार आधिकारिक कामकाज के लिए 19 सितंबर 2023 को संसद के एक विशेष सत्र के दौरान उपयोग किया गया था।
जिनके कन्धों पर है देश की जिम्मेदारी ; केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल यह एक अर्धसैनिक बल हैं, जिसका मुख्य कार्य सरकारी कारखानो एवं अन्य सरकारी उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान करना है। ये बल देश के विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की भी सुरक्षा करता है। इस बल का गठन 1969 में हुआ था। वर्तमान में इस बल की संख्या लगभग 1.63 लाख है। ये बल मुख्य रूप से सार्वजनिक एवं कुछ निजी उपक्रमों की सुरक्षा के आलावा देश के आंतरिक सुरक्षा,विशिष्ट लोगों की सुरक्षा, मेट्रो, परमाणु संस्थान, ऐतिहासिक धरोहरों आदि की भी सुरक्षा करता है ।
केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका पुलिस कार्रवाई में राज्य – संघ शासित प्रदेशों की सहायता, कानून-व्यवस्था और आतंकवाद विरोध में निहित हैं।
– राजस्थान से राजूचारण