दिव्यांग प्रेमी के साथ शादी करने व अपने नाम खेत का बैनामा करने का पिता पर दबाव बनाना बेटी पर पड़ा भारी

आजमगढ़- दिव्यांग प्रेमी के साथ शादी करने व अपने नाम खेत का बैनामा करने के लिए पिता पर दबाव बनाना एक बेटी पर भारी पड़ गया, उसे अपनी इस जिद की कीमत जान दे कर चुकानी पड़ी । जान ली भी तो उसके अपने बाप ने ही। कहासुनी के दौरान पिता ने अपनी बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद उसे दुर्घटना दिखाने के लिए बाप ने मर चुकी बेटी के शरीर को घर के छत से नीचे फेंक दिया और पुलिस समेत सभी को बताया की वह छत से अचानक गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। एक बार तो थाने के सिपाही भी इसे दुर्घटना मान चुके थे और सामान्य मामला समझ लौट गए थे। लेकिन कुछ सुगबुगाहट पर थानाध्यक्ष ने पुष्टि के लिए मृतका के घर का दौरा किया जहाँ अंतिम संस्कार के लिए जा रहे शव की स्थिति देख उनका माथा ठनका और उन्होंने पोस्टमार्टम के लिए शव को कब्जे में ले लिया। पोस्टमार्टेम रिपोर्ट में गला दबा कर हत्या की बात सामने आई तो पुलिस समेत ग्रामीण भी चौंक उठे। इसके बाद पुलिस ने जब मृतका के पिता को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया। उक्त घटना तहबरपुर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव की है। इस विचित्र मामले में वादी ही अभियुक्त निकला। एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार की दोपहर को घटना से पर्दा उठाते हुए बताया कि सिकंदरपुर गांव निवासी दयाराम यादव पुत्र गोबरी यादव की पांच पुत्रियों में एक की शादी हो चुकी है। उसकी तीसरे नंबर की पुत्री 19 वर्षीय ज्योति यादव इंटर की छात्रा थी। उसका गांव के ही निवासी पैर से दिव्यांग युवक अरुण यादव पुत्र चंद्रपति यादव से प्रेम संबंध था ,पिछले वर्ष 20 मई को दोनों घर से फरार हो गए थे। ज्योति के पिता ने अरुण के खिलाफ दूसरे दिन 21 मई 2018 को अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में पुलिस ने ज्योति को बरामद कर आरोपित अरुण को गिरफ्तार कर लिया था। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने अपहरण की धारा में 376 की बढ़ोत्तरी करते हुए अरुण को जेल भेज दिया था। एक माह पूर्व अरुण जेल से जमानत पर छूटकर घर आया था। प्रेमी के घर आने के बाद ज्योति उसके साथ शादी करना चाहती थी, जबकि उसके पिता इसके लिए तैयार नहीं थे।
एसपी ग्रामीण का कहना है कि ज्योति अपने पिता के नाम से मौजूद साढ़े छह बीघा खेत अपने नाम बैनामा कराने के लिए दबाव बना रही थी। पिता का कहना है कि वह अपना आधा खेत बेटी ज्योति के नाम से लिखने के लिए तैयार थे लेकिन वह पूरी जमीन लेने के लिए जिद कर रही थी । तीन दिन पूर्व 13 मार्च की रात लगभग साढ़े नौ बजे इसी बात को लेकर ज्योति का अपने पिता से विवाद हो गया। विवाद के बाद ज्योति पिता की हत्या करने के लिए उन्हें फावड़ा लेकर दौड़ा लिया था। हमले से बचने के लिए पिता ने अपनी पुत्री को पकड़ लिया और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पिता ने बेटी के शव को मकान के छत पर ले जाकर दुर्घटना का रूप देने के लिए छत से नीचे रखे ईट के चट्टे पर शव फेक दिया जिससे उसका सिर फट गया। बेटी की हत्या के बाद पिता ने परिजन के साथ गांव के लोगों को बताया कि छत से गिरने से उसकी बेटी की मौत हो गई। दूसरे दिन परिवार के लोग उसके शव को दाह संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि इस बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शक के आधार पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पीएम रिपोर्ट आने से जानकारी हुई की ज्योति की गला घोंटने से मौत हुई है। शक के आधार पर पुलिस ने जब उसके पिता को शनिवार की सुबह घर से गिरफ्तार कर थाने ले जाकर पूछताछ किया तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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