फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। हर साल दिवाली की रात शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों खेलने का काम किया जाता है। कुछ लोग शौक के लिए करते हैं तो कुछ लोग हार जीत के लिए इस खेल को बड़े स्तर पर खेलते है। इस बार भी शहर से लेकर देहात तक जमकर जुआ खेला गया। शहर की संकरी गलियों से लेकर बाग मे जुआ खेलने का दौर चलता रहा। लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नही लगी। शहर भर के नौ थानों मे जुआ पकड़ने का मुकदमा तक दर्ज नही हुआ है। इस घटना को लेकर बरेली पुलिस खासा चर्चा मे बनी हुई है। चर्चाओं का बाजार इसलिए गरम है क्योंकि हर दीपावली पर पुलिस बड़े पैमाने पर जुआरियों की गिरफ्तारी के मामले दर्ज होते आए है लेकिन इस वर्ष की दीपावली के मौके पर पुलिस के रिकॉर्ड मे जुए के मुकदमें दर्ज नही हुए या फिर यूं कहें कि बिन जुआरियों के इस बार सभी थाने सूने रहे। इस बार पूरे शहर भर मे लाखों का नहीं बल्कि करोड़ों का जुआ हुआ है। बावजूद इसके शहर भर की पुलिस एक भी जुआरी को नही पकड़ पाई। शहर भर मे ही नही पूरे देहात क्षेत्र मे जमकर जुआ खेला गया। कई जगह जुए के फड़ सजे। लेकिन पुलिस एक भी जुआ नही पकड़ पाई। यह भी कहा जा सकता है कि पुलिस को जुए की भनक तक नहीं लग सकी। क्योंकि पुलिस का मुखबिर तंत्र पूरी तरह से टूट चुका है। यही वजह है कि शहर मे होने वाली अपराधिक घटनाओं का खुलासा करने मे पुलिस को एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना पड़ता है।।
बरेली से कपिल यादव