कुशीनगर- ब्रह्माण्ड मे मानव का जन्म निर्माण व रचना के लिए ही होता है और यह कार्य व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में करके समाज मे अपनी पहचान व छाप छोड़ सकता है ।
उक्त बाते स्थानीय पावानगर महावीर इंटर कालेज फाजिलनगर के हाल में आयोजित सामाजिक सद्भाव हेतु कवि सम्मेलन एवं सेना में धर्म शिक्षक सूबेदार के पद पर कार्यरत दिवाकर मिश्र की काव्य रचना “बदलते परिदृश्य” नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि श्री भगवान महावीर स्नातकोत्तर महाविद्यालय पावानगर फाजिलनगर के प्राचार्य डॉ ओंकारनाथ मिश्र ने कही। आगे उन्होंने कहा कि सेना में रहते हुए काव्य रचना निश्चित रूप से व्यक्ति के विद्वता को परिलक्षित करता है । इस पुस्तक में वर्तमान परिस्थितियों को जिस प्रकार से दर्शाया गया है वह हकीकत को बयां करता है। विशिष्ट अतिथि झांसी विश्वविद्यालय बुंदेलखंड के हिंदी विभाग के उपाचार्य प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने कहा कि अपने समय को एक सेना के धर्म शिक्षक की आँखों से देखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है श्री मिश्र ने इस रचना के जरिये जीवन,जगत,संत और राग बैराग को बेहतर तरीके से रखा है जो निश्चित ही चेतना का कार्य करेगा । कार्यक्रम को डॉ इंद्रजीत मिश्र, डॉ कैलाश बिहारी तिवारी,अरुणिमा पाठक,नन्द लाल सिंह, अभिमन्यु पाण्डेय, सीओ जोस, पंचानन मिश्र, मंगल प्रसाद, अजय मिश्रा, गुरुदत्त उपध्य्याय आदि ने संबोधित किया।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्चन व दीप प्रज्वलन से हुआ । इसके बाद आयोजक कवि दिवाकर मिश्र ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ अक्षयवर पाण्डेय ने तथा संचालन युवा कवि धनश्याम तिवारी ने किया । इस दौरान रिंकू मिश्रा, चंद्रप्रकाश तिवारी, विष्णुपति पाण्डेय,रामअवध ओझा,चन्द्रदेव राय, इंद्रजीत मिश्रा,प्रभाकर पाण्डेय,रूपेश पाण्डेय,ऋत्विज पाण्डेय, बलराम जायसवाल,राजू सिंह,अजीत राय, प्रभाकर मिश्रा, चन्द्रशेखर उपाध्याय, राणाप्रताप मिश्र, रूपेश पाण्डेय,ममता मिश्र, मिश्रा,बन्दना उपाध्याय, प्रतिमा पाण्डेय, लालपरी पाण्डेय आदि उपास्थित रहे।
अंतिम विकल्प न्यूज के लिए जटाशंकर प्रजापति की रिपोर्ट