बरेली। 10 माह से अधिक के बाद स्कूलों में कक्षा छह से आठवीं तक के हिंदी व अंग्रेजी मीडियम के स्कूल खुले। इसके साथ ही 50 फीसदी बच्चों के साथ बेसिक स्कूलों को भी खोला गया। पहला दिन होने के कारण बेहद कम संख्या ही स्कूलों में रही। हिंदी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में बेहद कम सख्या रही। शासन के निर्देश मिलते ही स्कूलों में साफ सफाई कराई गई। बच्चों को मास्क और उचित दूरी बनाकर ही क्लास रुम में जाने दिया गया। बिशप मडंल इंटर कॉलेज मे पहले दिन होने के कारण सबसे कम छात्रों की संख्या कक्षा छह में रही। सबसे अधिक संख्या कक्षा आठवींं में रही। प्रिंसिपल जगमोहन सिंह ने बताया कि पहले दिन संख्या कुछ कम रही। पहले दिन बारी बारी से प्रिंसिपल ने खुद प्रत्येक क्लास में जाकर छात्रों से हालचाल लेते हुए परिचय लिया। कोविड के नियमो का पालन करते हुए क्लासेज संचालित की जा रही है। शिक्षकों के साथ साथ सभी छात्र-छात्राओं को मास्क लगाकर ही क्लास में बैठने की अनुमति दी गई। शिक्षक भी सुबह समय से पहले ही स्कूल पहुंच गए। कई छात्र अपने साथ अभिभावकों का सहमति पत्र लेकर नहीं आए तब भी इनको क्लास में जाने दिया गया। शहर के जीआईसी में प्रैक्टिक्ल देने वाले छात्रों की संख्या अधिक थी। पहले दिन शिक्षक भी अपने समय के अनुसार कॉलेज तो पहुंचे मगर क्लास रुम में नहीं गए। पहले दिन कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्र नहीं पहुंचे। जो एक दो छात्र पहुंचे भी थे तो खाली क्लास देखकर वापस लौट गए। प्रिंसिपल आफिस में भी दरवाजे बंद मिले तो दूसरी ओर उप प्रधानाचार्य के आफिस में सवा 10 बजे तक ताले ही नहीं खोले गए। कॉलेज के शिक्षक भी इसी बात को लेकर नाराज रहे कि जब प्रिंसिपल ही समय पर कॉलेज नहीं आएंगे तो छात्र और शिक्षक कैसे समय पर स्कूल पहुंचेंगे। सिविल लाइन स्थित जीपीएम कॉलेज में छात्रों की संख्या जीरो प्रतिशत रही। स्कूल प्रशासन की ओर से पहले दिन बच्चों के लिए मैसेज नही भेजे गए। शिक्षकों के साथ मीटिंग करने के बाद ही बच्चों को स्कूल आने के लिए मैसेज भेजे जाएंगे। दिल्ली पब्लिक स्कूल में भी पहले दिन बच्चों से सहमती पत्र लिए गए। इसी के बाद ही एंट्री दी गई। पहले दिन स्कूल में बच्चोंं की सबसे कम संख्या रही। किस दिन किस बच्चे को स्कूल आना है इसके लिए मैसेज भेजे गए है। इसके अलावा बेसिक स्कूलों में भी पहले दिन बच्चों से सहमति पत्र लिए गए। इसी के बाद 50 फीसदी बच्चों के साथ प्रवेश दिया गया। पहले दिन बच्चों की संख्या कम रही।।
बरेली से कपिल यादव