रुड़की/हरिद्वार- नाबालिग लड़की को डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने के मामले में सिविललाइंस पुलिस ने दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला पिछले साल सितंबर माह का है। उस दौरान भी इस मामले की जांच हुई थी, लेकिन तब इस पर पर्दा डाल दिया गया था।
दरअसल, सितंबर 2018 में सिविललाइंस कोतवाली में तैनात दारोगा कुलदीप कांडपाल पर आरोप लगा था कि उसने शहर के एक गेस्ट हाउस में किशोरी को डरा धमकाकर दुष्कर्म किया था। इस मामले की जानकारी होने पर तत्कालीन एसएसपी ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की थी।
मामले में एक महिला दारोगा पर भी पीड़ित किशोरी को डरने और धमकाने का आरोप लगा था।
इस मामले की जांच उस समय दबा दी गई थी, लेकिन तत्कालीन एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने पीड़िता के साथ हुए यौन उत्पीड़न की जांच के निर्देश दिए थे। इस मामले की जांच नए सिरे से शुरू हुई थी। इस मामले की जांच हरिद्वार की तत्कालीन एसपी सिटी ममता बोरा ने की थी। जांच में पीड़ित किशोरी और कई लोगों के बयान दर्ज हुए थे। ममता बोरा का तबादला होने के बाद इस मामले की जांच एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय को मिली। इसी बीच दारोगा को एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था।
इस मामले में एसपी सिटी ने जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में दारोगा की भूमिका सामने आई। जांच रिपोर्ट के बाद एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने सिविललाइंस पुलिस को दारोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह की तहरीर पर दारोगा कुलदीप कांडपाल के खिलाफ पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच एसआई मंशा ध्यानी को सौंपी गई है।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट