दरोगा इशरत अली खा को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्त: 11 बार कार्यवाही के बाद भी नहीं आया सुधार

* 11 बार दंडात्मक कार्यवाही के बाद भी कार्यशैली में नहीं आया सुधार

* IG ने किया जबरन रिटायर
बरेली। पुलिस विभाग से इन दिनों नाकारा, लापरवाह और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को 50 साल की उम्र में रिटायर किया जा रहा है। बरेली में ऐसे ही एक कामचोर दरोगा को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गई है। इस कार्यवाही के बाद ऐसे सभी कामचोर और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। आईजी डॉ. राकेश सिंह ने दरोगा इशरत अली खा अनिवार्य सेवानिवृति दे दी है।
पुलिस विभाग ने लापरवाह और भ्रष्ट कर्मचारियों पर सख्ती दिखाते हुए 50 साल की उम्र पूरी कर चुके अयोग्य कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की प्रक्रिया शुरू की है। इस क्रम में बरेली के दरोगा इशरत अली खां को भी सेवा से हटा दिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बरेली परिक्षेत्र डॉ. राकेश सिंह ने दरोगा इशरत अली खां को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने का फैसला किया। यह कार्रवाई अपर पुलिस महानिदेशक (स्थापना) के निर्देशों के तहत की गई। जिसमें सरकारी सेवाओं में दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
पुलिस विभाग ने निर्देश दिया है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी, जो 31 मार्च 2024 तक 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र पूरी कर चुके हैं, जिनका कार्य संतोषजनक नहीं है, उन्हें सेवा से हटा दिया जाए। इसके तहत एक विशेष कमेटी गठित की गई, जिसने दरोगा इशरत अली खां की जांच की।
दरोगा इशरत अली खां के खिलाफ 11 बार दंडात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। इसमें 3 बार वेतन कटौती भी शामिल है। इसके बावजूद उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं देखा गया। यह रिपोर्ट कमेटी द्वारा आईजी को सौंपी गई, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया।
भ्रष्ट और लापरवाह कर्मियों में हड़कंप
दरोगा इशरत अली खां की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद विभाग में अन्य लापरवाह और भ्रष्ट कर्मचारियों के बीच खलबली मच गई है। आईजी डॉ राकेश सिंह का कहना है कि पुलिस विभाग अब अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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