बरेली – अखिल भारतीय साहित्य परिषद, बरेली के तत्वाधान में समाज सुधारक एवं आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर गंगाशील ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स एंड इंस्टिट्यूट के सिटी ऑफिस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी की अध्यक्षता महानगर के ख्यातिलब्ध चिकित्सक डॉक्टर एन.के. गुप्ता ने की । कार्यक्रम का संचालन परिषद् के जनपदीय मंत्री राजीव श्रीवास्तव ने किया। डॉ. मोहन चंद्र पांडे की सरस्वती वंदना से गोष्ठी का शुभारंभ हुआ। गोष्ठी को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने दयानंद सरस्वती को महान समाज सुधारक एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बताया। उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने विभिन्न समाज सुधारों के साथ देश में स्वतंत्रता एवं शिक्षा की अलख जगाई। सर्वप्रथम दयानंद सरस्वती ने स्वराज की घोषणा की है। देश हित में किए गए उनके कार्य हमारी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे। प्रांतीय महामंत्री डॉ. शशि बाला राठी ने कहा कि दयानंद सरस्वती ने सभी का आह्वान किया कि जहां धर्म लिखने की आवश्यकता हो, वहां सभी सनातन धर्म लिखें । इसलिए उन्हें सनातन धर्म का प्रवर्तक माना जाता है। उन्होंने अपनी मृत्यु के समय “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्” का संदेश दिया। इस अवसर पर साहित्य परिषद् की बरेली इकाई द्वारा आनलाईन पटल पर आयोजित साहित्य रचना भेजने वाले साहित्यकारों को कार्यक्रम अध्यक्ष डॉक्टर एन.के. गुप्ता द्वारा सम्मानित किया गया । सम्मानित होने वालों में प्रवीण कुमार शर्मा, कमल सक्सेना, स्नेह सिंह, राजबाला धैर्य, किरण प्रजापति दिलवारी, प्रधानाचार्य शरद कांत शर्मा, राजवीर सिंह तथा राजीव श्रीवास्तव शामिल रहे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉक्टर एन.के. गुप्ता ने सभी का आवाह्न किया कि वे अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के कार्यक्रमों की निरंतरता बनाए रखने में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें । जनपद अध्यक्ष डॉक्टर एस.पी. मौर्या ने गोष्ठी में मौजूद सभी साहित्यकारों के प्रति आभार ज्ञापित किया। गोष्ठी में अनुराग उपाध्याय, मोहन चंद पांडे, कमल सक्सेना, उमेश चंद्र गुप्ता, प्रवीन कुमार शर्मा रितेश कुमार साहनी, राजीव श्रीवास्तव, स्नेह सिंह, राजवीर सिंह, किरण प्रजापति दिलबरी, डॉ. स्वाति गुप्ता, योगेश दिलवारी, निर्भय सक्सैना, राजबाला धैर्य, रमेश रंजन आदि मौजूद रहे।
– बरेली से प्रवीण शर्मा