थिएटर फेस्ट के 13वें दिन नाटक मरणोपरांत ने किया रिश्तों की जटिलताओं को उजागर

बरेली। थिएटर अड्डा के रंगालय एकेडमी द्वारा आयोजित तृतीय 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट का रंगारंग आयोजन अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है, जिसमें नाट्यकला प्रेमियों को समसामयिक एवं विविधतापूर्ण प्रस्तुतियाँ देखने को मिल रही हैं।

फेस्ट के 13वें दिन दिल्ली के प्रसिद्ध शिवायु ड्रामेटिक आर्ट समूह ने लेखक सुरेंद्र वर्मा की चर्चित रचना ‘मरणोपरांत’ का मंचन किया, जिसका निर्देशन आयुष ने किया।

यह नाटक एक कॉफी हाउस की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहाँ दो पुरुष अपने-अपने भूतकाल को साझा करते हैं। संवादों के माध्यम से दर्शकों के समक्ष धीरे-धीरे कहानी की परतें खुलती जाती हैं, जिससे यह उजागर होता है कि दोनों पुरुषों के जीवन में एक ही महिला थी। विशेष बात यह है कि वह महिला एक पुरुष की पत्नी थी और दूसरे की प्रेमिका। ऐसे हालात दर्शकों को अंत में उस मोड़ पर छोड़ते हैं, जहाँ उन्हें खुद निर्णय करना पड़ता है—क्या सही है और क्या गलत।नाटक में आयुष चंद्र मौर्य, सिमरनजीत सिंह ने अभिनय किया
नाटक मरणोपरांत ने दर्शकों को रिश्तों, विश्वास और मानवीय भावनाओं के गूढ़ पहलुओं पर सोचने को मजबूर कर दिया। पात्रों की संवाद और अभिनय क्षमता ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आज कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ डा. प्रमेन्द्र माहेश्वरी, डॉ. विनोद पागरानी और सुभाष कथूरिया की उपस्थिति में हुई।

अतिथियों ने कहा कि थिएटर फेस्ट ने सांस्कृतिक विमर्श और नाट्य विधा को नई दिशा देने का कार्य किया है, जिससे बरेली की कला-परंपरा को सशक्त बल मिला है

फेस्टिवल में कल मिरर थिएटर उड़ीसा के कलाकार प्रसिद्ध नाटक ‘रेड वाटर’ का मंचन करेंगे।

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